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"हमारा मन"

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हमारा मन "     वक़्त समझौते करना और जिंदगी सहना ,सिखा देती है ,फिर भी मन इनकी नहीं सुनता   "  मटर की फलियों  में बंद दानों की तरह, उछल - कूद मचाने के लिए मचलता रहता है      एक वक़्त ऐसा  आता है कि ...

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लेखक के बारे में
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Manjula Chaudhary

मैं संसार की सबसे सुंदरतम रचना "मां"हूं।मेरे अंदर अनंत भावनाओं समावेश है। प्रकृति सम्पूर्ण विश्व का पालन- पोषण करती है और मैं अपने परिवार की वो धुरी हूं जो निरन्तर सुख दुख में उनके साथ गतिमान रहती हूं।"मैं हूं ना" यह शब्द है तो बहुत छोटा ,लेकिन हृदय को जीतने की क्षमता रखता है।

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Arya Jha
    17 मार्च 2023
    ये खूबसूरत रचना पढ़कर मन हरसिंगार सा हुआ। मन ऐसे ही प्रेम से सिक्त रहे यही शुभकामना है।
  • author
    💜Rooma💜
    18 मार्च 2023
    bahut acha likha ha I apne...👍👍👍
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  • author
    Arya Jha
    17 मार्च 2023
    ये खूबसूरत रचना पढ़कर मन हरसिंगार सा हुआ। मन ऐसे ही प्रेम से सिक्त रहे यही शुभकामना है।
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    💜Rooma💜
    18 मार्च 2023
    bahut acha likha ha I apne...👍👍👍