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हम बात नहीं करते हैं

4.8
1460

हम बात नहीं करते हैं.... वो माँ से कह देते हैं...माँ मुझसे कह देती है... हम बात नहीं करते हैं... हाँ जरूरी बात हो जाती कभी चुपचाप हाँ, हूँ... या कोई 'दर्शन' उन्हें अच्छा लगा तो डाँट दे दी.... जाहिर ...

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लेखक के बारे में
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शशांक भारतीय

अपने और अपने आसपास के बीते हुवे पलों को कहानी और कविताओं का रूप देने की एक अदना कोशिश करता हूँ. अब तक के खुद को उपन्यास "dehaati ladke" में पूरा उतार दिया है. बाकी का मैं बन रहा हूँ...

समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    Prashant Kumar
    19 अक्टूबर 2016
    De kar ke apni chatri , Bheegney ki parvaah nahi kartey , Hum baat nhi kartey .... Awsum poem again my the majesty "Shashank singh ". 🙌🙌👍👍
  • author
    Vinita Mishra
    26 जून 2018
    बहुत ही उम्दा
  • author
    10 मार्च 2018
    पढ़ कर ये जाहिर करना पड़ा कि रचना अच्छी लगी।
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    Prashant Kumar
    19 अक्टूबर 2016
    De kar ke apni chatri , Bheegney ki parvaah nahi kartey , Hum baat nhi kartey .... Awsum poem again my the majesty "Shashank singh ". 🙌🙌👍👍
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    Vinita Mishra
    26 जून 2018
    बहुत ही उम्दा
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    10 मार्च 2018
    पढ़ कर ये जाहिर करना पड़ा कि रचना अच्छी लगी।