२२१२ २२१२ २२१२ १२१२ दरवेश के हर हुजरे से अब मेहमां हटाइए जो लाश ले चलती गरीबी,दरमियाँ हटाइए बार-ए-गिरेबा को कलफ न मिले जहाँ नसीब में तहजीब की अब उस कमीज से गिरेबां हटाइए ये है निजाम तेरा, सफीना सोच कर उतारना चलती हवा दरिया से बे-मकसद तुफां हटाइए उनको बिछा दो मखमली कालीन मगर साहेब उम्मीद की बुनियाद हों काटे, वहाँ हटाइए जाने कोई क्यों खटकता है आँख में दबा-दबा अब हो सके मायूस नजरें अँखियाँ हटाइए दरवेश =saint हुजरे=private chamber बार-ए-गिरेबाँ-weight of coller ऑफ़ शर्ट निजाम = व्यवस्था ,सफीना=नाव ...
रिपोर्ट की समस्या
रिपोर्ट की समस्या
रिपोर्ट की समस्या