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हाड़ी रानी -सहल कंवर

4.8
72

रूपनगढ़ के महलों में अचानक सन्नाटा छा गया.. महल की शीतल हवाएं सूर्य के ताप में परिवर्तित हो चुकी थी... महलो की रौनक मातम में बदल गई थी... रानीवास में बैठी रानियों के चेहरे पीले पड़ गए थे...और हवा ...

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लेखक के बारे में
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शौर्या

शांति! सब्र! सुकूँ! 🌸

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    luxmi sharma
    17 ডিসেম্বর 2022
    Aisi veerta aur prakaram ko dil se naman🙏🏻🙏🏻
  • author
    Shivani Singh
    23 জানুয়ারী 2023
    👌👌👌👌👌👌 fabulous osmmm beautiful
  • author
    Gulerana
    12 ডিসেম্বর 2023
    💯💯💯💯🚩🙏
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    luxmi sharma
    17 ডিসেম্বর 2022
    Aisi veerta aur prakaram ko dil se naman🙏🏻🙏🏻
  • author
    Shivani Singh
    23 জানুয়ারী 2023
    👌👌👌👌👌👌 fabulous osmmm beautiful
  • author
    Gulerana
    12 ডিসেম্বর 2023
    💯💯💯💯🚩🙏