मस्ती में भरे उनके कहकहे गूंजते हैं कह न सके जो वो अनकहे गूंजते हैं मन में गुबार उठता है कभी-कभी दर्द जो सहे वो रह-रहके रहे गूंजते हैं पुराने लोगों की बात का क्या असर आधुनिक परिवेश में नयेनये ...
संतुलित जीवन ही सुखी जीवन का आधार
जिसमें डाल प्रेम सेवा विनम्रता की अग्यार।
जियें तो सिर्फ अनासक्त अपेक्षा रहित जीवन
ताकि हर तरफ से आती रहे समता की बयार।।
सारांश
संतुलित जीवन ही सुखी जीवन का आधार
जिसमें डाल प्रेम सेवा विनम्रता की अग्यार।
जियें तो सिर्फ अनासक्त अपेक्षा रहित जीवन
ताकि हर तरफ से आती रहे समता की बयार।।
रिपोर्ट की समस्या
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