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गूंगी बहू नहीं चाहिए किसी को

4.7
185

,"चाहे कुछ भी हो जाए डॉक्टर मेरे  बहु और बच्चे दोनों को बचा लीजिये, " जल्दी से डिलीवरी  कीजिए ,समय आ गया है," सासू मां और पुलकित दोनों चिंता में भाग रहे थे और पलक अंदर जा चुकी थी थोड़ी देर में ...

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लेखक के बारे में
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वर्षा शर्मा

मैं वर्षा शर्मा हूं | डायरी के पन्नों को बस शब्दों में उतारा है |लिखना अच्छा लगता है कोई अगर आपके लिखे से प्रभावित हो तो और आगे बढ़ने का मन करता है

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    कायनात कलीम
    13 जून 2021
    भगवान हर जगह नहीं हो सकते हैं इसीलिए उसनें माँ बनाई.
  • author
    Rachna Sharma
    31 अगस्त 2021
    बहुत बहुत ही achi story
  • author
    Rida Khan
    07 जून 2021
    प्रतियोगिता में जीत की शुभकामनाएं
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  • author
    कायनात कलीम
    13 जून 2021
    भगवान हर जगह नहीं हो सकते हैं इसीलिए उसनें माँ बनाई.
  • author
    Rachna Sharma
    31 अगस्त 2021
    बहुत बहुत ही achi story
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    Rida Khan
    07 जून 2021
    प्रतियोगिता में जीत की शुभकामनाएं