pratilipi-logo प्रतिलिपि
हिन्दी
प्र
প্র
പ്ര
પ્ર
ಪ್ರ
பி

गुलाब की कलियाँ

5
246

पंखुडी को कलियों में छुपाये तुम। कितनी प्यारी लगती हो, मैं तो तुम्हे देखकर खुश होती हूँ, और चाहती हूँ जानना, तुम्हारी प्यारी सी मुस्कुराहट। की राज को, क्या। मैं सब में बंट दूँ, लोगों को भी तुम्हारी ...

अभी पढ़ें
लेखक के बारे में
समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    प्रतिभा राय
    19 सितम्बर 2016
    i like roase, beautifull,n soft, smell,n king og rose it is a sort, but lovely, you read n injoy n give a lovely regards flowers and lovely king of rose, गुलाब को फूलों का राजा। कहा गया है , अपनी कोमल सुगन्ध और अपनी सुन्दरता के लिये तो ये मशहूर है ही ओर इन सुन्दरता के पीछे अपनी कंाटों के लिये भी, गुलाब को आप छुये ओर आपकी हाथो मे काटे न चुभे ये तो हो नही सकता , गुलाब ओर गुलाब कीलकलियंा फिर अपने काटों के साथ एक मिसाल पेश करती है क्या ?आप पढ़े और ढूँढने की कौशिस करे शायद आप समझ गये होगे कहने का क्या अभिप्राय है। ? पढ़े और आन्नद ले, ।
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    प्रतिभा राय
    19 सितम्बर 2016
    i like roase, beautifull,n soft, smell,n king og rose it is a sort, but lovely, you read n injoy n give a lovely regards flowers and lovely king of rose, गुलाब को फूलों का राजा। कहा गया है , अपनी कोमल सुगन्ध और अपनी सुन्दरता के लिये तो ये मशहूर है ही ओर इन सुन्दरता के पीछे अपनी कंाटों के लिये भी, गुलाब को आप छुये ओर आपकी हाथो मे काटे न चुभे ये तो हो नही सकता , गुलाब ओर गुलाब कीलकलियंा फिर अपने काटों के साथ एक मिसाल पेश करती है क्या ?आप पढ़े और ढूँढने की कौशिस करे शायद आप समझ गये होगे कहने का क्या अभिप्राय है। ? पढ़े और आन्नद ले, ।