गुलाब का मटका गुलाब , अरी ओ गुलाब! जी बाबू जी । जा सपाटे(जल्दी) से जा और पानी का लोटा और गिलास ले आ । शाहपुर वाली जिज्जी(दीदी) आ गई है। और जिज्जी आवे में कौनउ दिक्कत तो नइ भई। अरे नइ किशन । क़ाय ...
#SocialWorker #Dreamer #Seeker #Foodie #HistoryBuff #Novice #ProudBundelkhandi
ज्यादा नहीं लिखती, ज्यादा खास भी नहीं लिखती। सीखने का प्रयास निरंतर जारी है।
पर जितना भी लिखती हूँ, कोशिश यही रहती है कि शब्दों के साथ न्याय कर सकूं।
सारांश
#SocialWorker #Dreamer #Seeker #Foodie #HistoryBuff #Novice #ProudBundelkhandi
ज्यादा नहीं लिखती, ज्यादा खास भी नहीं लिखती। सीखने का प्रयास निरंतर जारी है।
पर जितना भी लिखती हूँ, कोशिश यही रहती है कि शब्दों के साथ न्याय कर सकूं।
सरल शब्दों में मानवीय संवेदनाओं को उकेरती आप की ये रचना। हास्य के साथ करुणता भी है। अल्प त्रुटि की सजा पूरे जीवन भर भोगनी पड़ती है। अच्छी अभिव्यक्ति और शानदार प्रस्तुति।
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सरल शब्दों में मानवीय संवेदनाओं को उकेरती आप की ये रचना। हास्य के साथ करुणता भी है। अल्प त्रुटि की सजा पूरे जीवन भर भोगनी पड़ती है। अच्छी अभिव्यक्ति और शानदार प्रस्तुति।
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