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गेस्ट ब्लॉगिंग....!! ( प्रतिलिपि प्रोजेक्ट )

4.9
255

प्यारे पाठकों..... एक लंबे वक्त के बाद प्रतिलिपि ने मौका दिया अपने बारे में लिखने का। क़िस्सों,कहानियों,और कविताओं के लिए वक़्त निकालते हुए हम ख़ुदको लिखना ही भूल जाते है। लेकिन आज प्रतिलिपि के ...

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लेखक के बारे में
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Dipti Biswas

फेरी वेतुला

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Vijaykant Verma
    25 अप्रैल 2023
    ✍️बहुत अच्छा लगा आपके बारे में और प्रतिलिपि के बारे में पढ़ कर..! और बहुत शीघ्र आपका नन्हे भी पहले प्रतिलिपि की कहानियों का किरदार बनेगा.. और फिर लेखक भी बनेगा..! शायद प्रतिलिपि का पहला बाल लेखक..!!😄😄😄
  • author
    शैलेश सिंह "शैल"
    18 अप्रैल 2023
    शिर्ष 20 में स्थान हेतु बधाई दीप। अच्छा लगा पढ़कर। आप एक बहुत अच्छी लेखिका हैं और आगे अपनी लेखनी का जादू बिखेरती रहीं ईश्वर से प्रार्थना है। शुभकामनाएं।।
  • author
    Shaba ❤️
    17 अप्रैल 2023
    बहुत ही सुन्दर लेखन! हमेशा की तरह! हमारी कहानी भी आपसे जुदा नहीं है। बहुत कुछ मिलती जुलती है। यहाॅ॑ हमारे हौसलों को बढ़ाने वाले इतने सारे सपोर्टर मिले कि हमारी कलम भी नए मुकाम छूती चली गई। हालांकि आज भी रेगुलर लिख पाना मुश्किल काम ही लगता है, पर आज इस मुकाम पर आ चुकी हूं कि अपने इस शौक के लिए सबके सामने खड़ी होकर कह सकती हूं कि मैं तो लिखूंगी। प्रतिलिपि हम जैसे कल्पनाशील लोगों के लिए एक जमीन और खुला आसमान लेकर आया है। इसने एक प्यारा सा प्यार करने वाला परिवार भी दिया है। इस मंच से अलग हो पाना सच में मुश्किल ही नहीं... नामुमकिन ही है। आगे के सफर भी आपके और हमारे लिए ऐसे ही सूकून देने वाले रहें, यही कामना करते हैं।
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    Vijaykant Verma
    25 अप्रैल 2023
    ✍️बहुत अच्छा लगा आपके बारे में और प्रतिलिपि के बारे में पढ़ कर..! और बहुत शीघ्र आपका नन्हे भी पहले प्रतिलिपि की कहानियों का किरदार बनेगा.. और फिर लेखक भी बनेगा..! शायद प्रतिलिपि का पहला बाल लेखक..!!😄😄😄
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    शैलेश सिंह "शैल"
    18 अप्रैल 2023
    शिर्ष 20 में स्थान हेतु बधाई दीप। अच्छा लगा पढ़कर। आप एक बहुत अच्छी लेखिका हैं और आगे अपनी लेखनी का जादू बिखेरती रहीं ईश्वर से प्रार्थना है। शुभकामनाएं।।
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    Shaba ❤️
    17 अप्रैल 2023
    बहुत ही सुन्दर लेखन! हमेशा की तरह! हमारी कहानी भी आपसे जुदा नहीं है। बहुत कुछ मिलती जुलती है। यहाॅ॑ हमारे हौसलों को बढ़ाने वाले इतने सारे सपोर्टर मिले कि हमारी कलम भी नए मुकाम छूती चली गई। हालांकि आज भी रेगुलर लिख पाना मुश्किल काम ही लगता है, पर आज इस मुकाम पर आ चुकी हूं कि अपने इस शौक के लिए सबके सामने खड़ी होकर कह सकती हूं कि मैं तो लिखूंगी। प्रतिलिपि हम जैसे कल्पनाशील लोगों के लिए एक जमीन और खुला आसमान लेकर आया है। इसने एक प्यारा सा प्यार करने वाला परिवार भी दिया है। इस मंच से अलग हो पाना सच में मुश्किल ही नहीं... नामुमकिन ही है। आगे के सफर भी आपके और हमारे लिए ऐसे ही सूकून देने वाले रहें, यही कामना करते हैं।