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गुड़िया

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न‌ई न‌ई शादी उस पर खूबसूरत पत्नी बिल्कुल फिल्म की हीरोइन की तरह । लोगों की ...

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लेखक के बारे में
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दीपक वर्मा

माना जलना ही जीवन है जलने का वरदान मिला है। जाने किस क्षण बुझ जाऊँ दूर अमिट अवसान खिला है। मेरे माँझी एक बार मेरी यह नैया तो खे ले मैँ पूजा का शुद्र दीप हूँ मेरी मौन आरती तो ले ले । हौसले तुम ने दिये हैं हम ने फिर उड़ान भरी , मंजिल दूर है मुश्किलें लाख सही , मुकाम पा लेंगे उम्मीद है यही ।

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    ਹਰਜੀਤ ਕੌਰ
    12 अप्रैल 2020
    सुंदर पारिवारिक कहानी ।बहुत अच्छी लगी ।
  • author
    12 अप्रैल 2020
    सुंदर कहानी 👍👍👍👍👍👍
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    ਹਰਜੀਤ ਕੌਰ
    12 अप्रैल 2020
    सुंदर पारिवारिक कहानी ।बहुत अच्छी लगी ।
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    12 अप्रैल 2020
    सुंदर कहानी 👍👍👍👍👍👍