माना जलना ही जीवन है जलने का वरदान मिला है। जाने किस क्षण बुझ जाऊँ दूर अमिट अवसान खिला है। मेरे माँझी एक बार मेरी यह नैया तो खे ले मैँ पूजा का शुद्र दीप हूँ मेरी मौन आरती तो ले ले ।
हौसले तुम ने दिये हैं हम ने फिर उड़ान भरी , मंजिल दूर है मुश्किलें लाख सही , मुकाम पा लेंगे उम्मीद है यही ।
रिपोर्ट की समस्या
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