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गोत्र

3.2
39365

"द्वार खोल राधिका ..." रजनी ने तेजी से दरवाज़ा पिटते हुए कहा। तक़रीबन दो मिनट बाद दरवाज़ा खुला। अपने अस्त-व्यस्त कपड़ों और बालों को ठीक करते हुए, राधिका का प्रेमी किसनवा दरवाज़े पर रजनी को खड़ा देख ...

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लेखक के बारे में

जन्म: 24 जुलाइ 1971, दिल्लीशिक्षा: दिल्ली विश्विद्यालय से स्नातकभाषा अधिकार: हिन्दी, उर्दू, गढ़वाली बोली उत्तरांचाली साहित्य संस्थान के संस्थापक कथा संसार में उपसंपादक, आर्ट्स कॉलिंग आर्टिस्ट्स ग्रुप में वाइस-प्रेसिडेंट, आम आदमी पार्टी के सक्रिय सदस्य सम्पादिक पुस्तक: आपकी उड़ान- भाग एक, आम आदमी पार्टी के कवियों की पहली पुस्तक(2013) साहित्यिक लेखन एवं रुचियाँ: कहानी, लघुकथा, गीत, गज़ल, जनक छंद, दोहे, हाइकू, मुक्तक, कुंडलियाँ, छप्पय आदि प्रकाशित कृतियाँ: तीन पीढ़ियाँ: तीन कथाकार(कहानी संग्रह) प्रेमचंद, मोहन राकेश एवं महावीर उत्तरांचाली की 4-4 प्रतिनिधि कहानियाँ, 2007आग का दरिया(ग़ज़ल संग्रह), 2009आग यह बदलाव की(ग़ज़ल संग्रह), 2013मन में नाचे मोर है(जनक छंद संग्रह), 2009, 2014अंतरघट तक प्यास(दोहा संग्रह), 2009बुलंद अशआर(चुनिंदा शेर) 2009 अनेकानेक अन्य सम्पादिक पुस्तकों एवं पत्र-पत्रिकाओं में रचनायें प्रकाशित

समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    Vandana Rastogi
    18 दिसम्बर 2018
    अवैध सम्बन्ध रखना सामाजिक व्यवस्था के प्रतिकूल है,साथ ही विज्ञान भी इसे अस्वीकृत करता है।इसे बिल्कुल बढ़ावा नही देना चाहिए ।
  • author
    तुषार कश्यप
    21 सितम्बर 2019
    जो हमारे गोत्र की है वह हमारी बहनें हैं और बहनों से हम खुल्लम खुल्ला प्यार कर सकते हैं और हम करते भी हैं। इसमें समाज हमारा साथ देता है ना की हमारा तिरस्कार होता है। प्यार के लिए रोक नहीं है भाई आप जहां चाहे जिससे चाहे उससे प्यार कर सकते लेकिन प्यार होना चाहिए। अगर बहन से प्यार करने के लिए समाज से छिपना पड़ रहा है तो इसका मतलब यह है कि कुछ ऐसा हो रहा है जो नहीं होना चाहिए। कृपा कर ऐसे कृत्य को बढ़ावा न दें।
  • author
    Atul Kumar Singh
    09 अगस्त 2019
    आपकी कहानी सटीक, संक्षिप्त और आपके विचारों से पूर्ण लगती है।लेखक अपने विचारों को ही तो पन्ने पर उतारता है। मेरे विचार से प्रेम छिप ही नहीं सकता और प्रेम शक्ति होता है प्रेम डर कर या छिप कर नहीं हो सकता। जहां डर है वहां सिर्फ वासना है प्रेम नहीं
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    Vandana Rastogi
    18 दिसम्बर 2018
    अवैध सम्बन्ध रखना सामाजिक व्यवस्था के प्रतिकूल है,साथ ही विज्ञान भी इसे अस्वीकृत करता है।इसे बिल्कुल बढ़ावा नही देना चाहिए ।
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    तुषार कश्यप
    21 सितम्बर 2019
    जो हमारे गोत्र की है वह हमारी बहनें हैं और बहनों से हम खुल्लम खुल्ला प्यार कर सकते हैं और हम करते भी हैं। इसमें समाज हमारा साथ देता है ना की हमारा तिरस्कार होता है। प्यार के लिए रोक नहीं है भाई आप जहां चाहे जिससे चाहे उससे प्यार कर सकते लेकिन प्यार होना चाहिए। अगर बहन से प्यार करने के लिए समाज से छिपना पड़ रहा है तो इसका मतलब यह है कि कुछ ऐसा हो रहा है जो नहीं होना चाहिए। कृपा कर ऐसे कृत्य को बढ़ावा न दें।
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    Atul Kumar Singh
    09 अगस्त 2019
    आपकी कहानी सटीक, संक्षिप्त और आपके विचारों से पूर्ण लगती है।लेखक अपने विचारों को ही तो पन्ने पर उतारता है। मेरे विचार से प्रेम छिप ही नहीं सकता और प्रेम शक्ति होता है प्रेम डर कर या छिप कर नहीं हो सकता। जहां डर है वहां सिर्फ वासना है प्रेम नहीं