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गोलाट

4.1
5852

बिहार के मिथिला में प्रचलित एक प्रथा । “गोलाट ” शब्द का क्या परिभाषा होता है , यह तो मुझे नहीं पता । लेकिन इस प्रथा को मै किस नज़रिये से देखता हूं । इसका पता आप लोगो को इस कहानी से पता चल जायेगा ।

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लेखक के बारे में
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अभिलाष दत्ता

संपर्क - 9472596357 कहानी संग्रह - पटना वाला प्यार (flydreams publication) उपन्यास - 1. अवतार - महारक्षकों का आगमन (flywings, unit of flydreams publication) 2. दुर्गापुर जंक्शन (blue emerald publication) SWA MEMBER

समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    sushama Julka
    30 मई 2020
    ठीक ठाक कहानी है. विषय वस्तु में नवीनता है पर शायद लेखक के लिए गोलाट शब्द ही महत्वपूर्ण है. न कथन में आकर्षण है, न कहानी के अंत में.
  • author
    शशांक भारतीय
    26 अप्रैल 2017
    कथावस्तु बहुत अच्छी उठायी है, भावों को थोड़ा और कसते तो, दर्द बेहतर उभरता रागिनी का तो और मजा आता
  • author
    02 सितम्बर 2017
    यह बलिदान नहीं आत्महंता कार्य ही है ! इस विषय की रचना जाग्रत करती है!
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    sushama Julka
    30 मई 2020
    ठीक ठाक कहानी है. विषय वस्तु में नवीनता है पर शायद लेखक के लिए गोलाट शब्द ही महत्वपूर्ण है. न कथन में आकर्षण है, न कहानी के अंत में.
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    शशांक भारतीय
    26 अप्रैल 2017
    कथावस्तु बहुत अच्छी उठायी है, भावों को थोड़ा और कसते तो, दर्द बेहतर उभरता रागिनी का तो और मजा आता
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    02 सितम्बर 2017
    यह बलिदान नहीं आत्महंता कार्य ही है ! इस विषय की रचना जाग्रत करती है!