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गर्ल इन द ट्रेन

4.2
37203

अभी मैंने ट्रेन की सीट पर अपना सामान रखा ही था और बैठने ही वाली थी की बेतहाशा हाँफती और डरती नवयुवती आकर सामने वाली सीट पर बैठ गई..वो कुछ भयभीत सी थी..बार बार इधर उधर देख रही थी ट्रेन की खिड़की से ...

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लेखक के बारे में

लेखन मेरा जीवन है अंतर्द्वंद हो या प्रत्यक्षीकरण..जो महसूस करती हूं ,वही लेखनी के माध्यम से उतार देती हूं..! मैं पाठक व लेखक दोनो रूप जीती हूं..! और कोशिश करती हूं अपनी कहानियों में आम इंसान के जीवन की उधेड़बुन को सजीव रूप में प्रस्तुत कर सकूं..! मेरा लघुकथा सँग्रह प्रकाशित हो चुका है, पन्नों के कैनवास .. पन्नों के कैनवास amazon और flipkart पर उपलब्ध है इच्छुक लोग ऑर्डर कर सकते हैं। https://www.amazon.in/dp/9388277953/

समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    Payal Mittal
    03 सितम्बर 2017
    Kahani achi h par ek baat puchni h mujhe k ladkio ko akele kahi ni jana chaiye,apne gharwalo ko sath leke Jana chaiye ka Matlab Kya h.....mam isme galti ladki ki nahi,ladke ki h aur man lo ye ladki apne Bhai ko ya papa ko le jati aur wo ladka unko koi bhi nasha deke behosh kr deta tb koi Kya krta....so plz ye btein ladkio ko akele ni jana chaiye ya aisa kuch ki bajae...hum ye dunia ko samjhae k ladko ko achi parwarish deni chaiye jyada bdia rahega....
  • author
    Karan Meena
    19 जुलाई 2018
    बहुत ही प्रेरणा दायक कहानी । सच में यह राहुल का सिर्फ पागलपन था , प्यार नहीं । क्योंकि प्यार कुर्बान हो जाने का नाम है , ना ही किसी को धोखे से हासिल करने की कोशिश करने का ।
  • author
    06 जनवरी 2019
    सच्ची कहानी हमेशा अच्छी और प्रेरणाप्रद होती है... एक बहुत अच्छी सीख कहानी के माध्यम से प्रस्तुत करने के लिए धन्यवाद कविता जी
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    Payal Mittal
    03 सितम्बर 2017
    Kahani achi h par ek baat puchni h mujhe k ladkio ko akele kahi ni jana chaiye,apne gharwalo ko sath leke Jana chaiye ka Matlab Kya h.....mam isme galti ladki ki nahi,ladke ki h aur man lo ye ladki apne Bhai ko ya papa ko le jati aur wo ladka unko koi bhi nasha deke behosh kr deta tb koi Kya krta....so plz ye btein ladkio ko akele ni jana chaiye ya aisa kuch ki bajae...hum ye dunia ko samjhae k ladko ko achi parwarish deni chaiye jyada bdia rahega....
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    Karan Meena
    19 जुलाई 2018
    बहुत ही प्रेरणा दायक कहानी । सच में यह राहुल का सिर्फ पागलपन था , प्यार नहीं । क्योंकि प्यार कुर्बान हो जाने का नाम है , ना ही किसी को धोखे से हासिल करने की कोशिश करने का ।
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    06 जनवरी 2019
    सच्ची कहानी हमेशा अच्छी और प्रेरणाप्रद होती है... एक बहुत अच्छी सीख कहानी के माध्यम से प्रस्तुत करने के लिए धन्यवाद कविता जी