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गिरजाघर का घंटा

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गिरजाघर का घंटा जीवन में परिश्रम व ज्ञान का ही महत्व है।मनुष्य की उन्नति में इनका बहुत ही महत्वपूर्ण योगदान रहता है। बहुत समय पहले यूरोप के एक अनाम गिरजाघर में ढेर सारे कर्मचारी कार्य करते थे।गिरजाघर ...

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लेखक के बारे में
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Rajesh Kumar

भदरस,घाटमपुर कानपुर में सन् 1958 में जन्म।हाई स्कूल सन्1976में श्री गांँधी विद्यापीठ इंटर कालेज घाटमपुर से उत्तीर्ण,राजस्थान बोर्ड से सन्1977 में हायर सेकंडरी उत्तीर्ण,राजकीय पालीटेकनिक कानपुर से सन्1981 में डिप्लोमा मेके.इंजी.से उत्तीर्ण,कुछ जीवन के अनुभव,कहानी, कवितायें, सामाजिक व तकनीकी लेख लिखने का शौक.कुछ विशिष्ट समाचार संग्रह का शौक, कवितालोक में नियमित प्रविष्टियांँ प्रकाशित.फील्ड गन फैक्टरी कानपुर में पिछले करीब 37 वर्षों तक गुणवत्ता नियंत्रण विभाग में विभिन्न तकनीकी पदों पर कार्य किया।यहीं से दिसम्बर 2018 में कनिष्ठ कार्यशाला प्रबंधक(JWM) पद से सेवानिवृत्ति हुयी।यहाँ की रचना पत्रिका के नियमित लेखक,जीवन में नियमित रक्तदाता रहे, अब तक करीब 30 बार रक्तदान किया.वर्तमान में कानपुर में निवास। परिवार में पत्नी गृहणी.दो बेटे,बड़ा बेटा विवेक IIT कानपुर से सिविल इंजी.से बी टेक व एम टेक, सामाजिक उत्थान व शिक्षा के प्रचार प्रसार के लिये प्रयत्नशील,छोटा बेटा विजय बी टेक मेके.इंजी के पश्चात अपना कैरियर बनाने हेतु प्रयत्नशील।

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    Dipika Singh
    22 मई 2019
    very nice
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    Dipika Singh
    22 मई 2019
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