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गिरिजा टिक्कू

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मैं लिखना चाहती थी उस पर… जब तुम….       पिता की प्यारी बेटी थी उन्मुक्त तितली बन उड़ती थी…. पर…. अब लिखना है   उस दर्द पर.. लेखन क्षमता जो     मुझ में नहीं है... पीड़ा को तुम्हारी           ...

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लेखक के बारे में
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Neena Mahajan

कभी हादसों की शय में कभी सदमों की गिरफ्त में.. क्या कहें अब तलक ये जिंदगी कैसे बीती..

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    04 अक्टूबर 2022
    बहुत ही मार्मिक रचना लिखी है आपने 👌🏼👌🏼👌🏼👌🏼👌🏼
  • author
    Shashank Baranwal
    04 अप्रैल 2022
    aapne bht axhq likha hai 👌
  • author
    बहुत ही मार्मिक रचना लिखा है आपने मैंम 🌷🌷🌷☘️☘️☘️👌🏻👌🏻👌🏻🌺🌺🌺🍃🍃🍃🌸🌸🌸🌿🌿🌿💮💮💮🍂🍂🍂🍂🍀🍀🍀🍁🍁🍁 🌷🌷🌷☘️☘️☘️👌🏻👌🏻👌🏻🌺🌺🌺🍃🍃🍃🌸🌸🌸🌿🌿🌿💮💮💮🍂🍂🍂🍂🍀🍀🍀🍁🍁🍁 🌷🌷🌷☘️☘️☘️👌🏻👌🏻👌🏻🌺🌺🌺🍃🍃🍃🌸🌸🌸🌿🌿🌿💮💮💮🍂🍂🍂🍂🍀🍀🍀🍁🍁🍁 🌷🌷🌷☘️☘️☘️👌🏻👌🏻👌🏻🌺🌺🌺🍃🍃🍃🌸🌸🌸🌿🌿🌿💮💮💮🍂🍂🍂🍂🍀🍀🍀🍁🍁🍁
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    04 अक्टूबर 2022
    बहुत ही मार्मिक रचना लिखी है आपने 👌🏼👌🏼👌🏼👌🏼👌🏼
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    Shashank Baranwal
    04 अप्रैल 2022
    aapne bht axhq likha hai 👌
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    बहुत ही मार्मिक रचना लिखा है आपने मैंम 🌷🌷🌷☘️☘️☘️👌🏻👌🏻👌🏻🌺🌺🌺🍃🍃🍃🌸🌸🌸🌿🌿🌿💮💮💮🍂🍂🍂🍂🍀🍀🍀🍁🍁🍁 🌷🌷🌷☘️☘️☘️👌🏻👌🏻👌🏻🌺🌺🌺🍃🍃🍃🌸🌸🌸🌿🌿🌿💮💮💮🍂🍂🍂🍂🍀🍀🍀🍁🍁🍁 🌷🌷🌷☘️☘️☘️👌🏻👌🏻👌🏻🌺🌺🌺🍃🍃🍃🌸🌸🌸🌿🌿🌿💮💮💮🍂🍂🍂🍂🍀🍀🍀🍁🍁🍁 🌷🌷🌷☘️☘️☘️👌🏻👌🏻👌🏻🌺🌺🌺🍃🍃🍃🌸🌸🌸🌿🌿🌿💮💮💮🍂🍂🍂🍂🍀🍀🍀🍁🍁🍁