"घोड़े की सवारी?" ओ पवन वेग से उड़ने वाले घोड़े तुझपे सवार है जो, एक पूराना गीत आजकल राजनेता लोग सत्ता के घोड़े पर बैठकर प्रजा को भूल जाते हैं। कौन आम आदमी? आम आदमी वाले भी सत्ता मिलते ही आम आदमी ...
घोड़े की सवारी बाबा भारती भी करते थे जिन्हें डाकू खड्गसिंह ने छलने की कोशिश की थी,यानि हर युग में अच्छे बुरे लोग होते हैं,विश्वास रखिए,राजनीति की गंदगी को साफ करने हममें से ही कोई आयेगा।
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घोड़े की सवारी बाबा भारती भी करते थे जिन्हें डाकू खड्गसिंह ने छलने की कोशिश की थी,यानि हर युग में अच्छे बुरे लोग होते हैं,विश्वास रखिए,राजनीति की गंदगी को साफ करने हममें से ही कोई आयेगा।
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