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"घोड़े की सवारी?"

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"घोड़े की सवारी?" ओ पवन वेग से उड़ने वाले घोड़े तुझपे सवार है जो, एक पूराना गीत आजकल राजनेता लोग सत्ता के घोड़े पर बैठकर प्रजा को भूल जाते हैं। कौन आम आदमी? आम आदमी वाले भी सत्ता मिलते ही आम आदमी ...

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लेखक के बारे में
author
Kaushik Dave

મારી રચનાઓમાં કવિતા " સત્ય, કૃષ્ણ,નયા નિર્માણ અને ગુમ સિમાડા " છે.વાર્તામાં " આશા નું કિરણ અને બીજો ચંદ્ર "સૌદર્યા-એક રહસ્ય" છે....આતુર નયને જોતો હિમાલય, કશુંક કશુંક આજ શોધતો......... ખળખળ વહેતા નદી નાળામાં પ્રેમનો અણસાર રહેતો.......

समीक्षा
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  • author
    Sangeeta Agarwal
    14 जुलाई 2025
    घोड़े की सवारी बाबा भारती भी करते थे जिन्हें डाकू खड्गसिंह ने छलने की कोशिश की थी,यानि हर युग में अच्छे बुरे लोग होते हैं,विश्वास रखिए,राजनीति की गंदगी को साफ करने हममें से ही कोई आयेगा।
  • author
    Rakesh Chaurasia
    14 जुलाई 2025
    बिल्कुल सही लिखा है आपने। आज के नेताओं से अच्छा राजतंत्रुआ करता था। बहुत सुंदर व्यंग लिखा है आपने।
  • author
    Ruby Mehta
    14 जुलाई 2025
    बिल्कुल सही कहा आपने बहुत सुन्दर रचना 👌👌👌👌👌👌👌👌
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    Sangeeta Agarwal
    14 जुलाई 2025
    घोड़े की सवारी बाबा भारती भी करते थे जिन्हें डाकू खड्गसिंह ने छलने की कोशिश की थी,यानि हर युग में अच्छे बुरे लोग होते हैं,विश्वास रखिए,राजनीति की गंदगी को साफ करने हममें से ही कोई आयेगा।
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    Rakesh Chaurasia
    14 जुलाई 2025
    बिल्कुल सही लिखा है आपने। आज के नेताओं से अच्छा राजतंत्रुआ करता था। बहुत सुंदर व्यंग लिखा है आपने।
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    Ruby Mehta
    14 जुलाई 2025
    बिल्कुल सही कहा आपने बहुत सुन्दर रचना 👌👌👌👌👌👌👌👌