🌺 वज़्न-- 1222 1222 122 🌺 अर्कान -- मुफ़ाईलुन मुफ़ाईलुन फ़ऊलुन 🌺 बह्र -- बह्रे-हज़ज मुसद्दस महज़ूफ़ साहब जी जिधर हम है उधर कोई नहीं है शहर में है -खबर कोई नहीं है करोना से कहो जा के भी कोई लगे हैं ...
मैं सतपुड़ा की तलहटी में ,इंद्रावती नदी के तट पर बसा वनांचल गांव बिस्टान से तालुक रखता हूँ ।जीवन में हर एक की ख्वाईश होती है।मेरी भी है।ऊंचाइयां भले ही न मिले।पर दिलों में सदियों तक जिन्दा रहूं।
सारांश
मैं सतपुड़ा की तलहटी में ,इंद्रावती नदी के तट पर बसा वनांचल गांव बिस्टान से तालुक रखता हूँ ।जीवन में हर एक की ख्वाईश होती है।मेरी भी है।ऊंचाइयां भले ही न मिले।पर दिलों में सदियों तक जिन्दा रहूं।
रिपोर्ट की समस्या
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