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ग़ज़ल....12062025

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बहर.....122  122  122 122 मुरादों की महफ़िल, सजाना नहीं है रफ़ाक़त की दुनियाँ, बसाना नहीं है 🌿🔵🟣🌿 दिया है किसी ने, मुझे दर्द इतना, अभी तक उसी का, ठिकाना नहीं है 🌿🔵🟣🌿 जहाँ से गुज़रती , ...

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लेखक के बारे में

एक श्रेष्ठ कवि के गुण.... रचनाकार... रचना प्रस्तुत करने का ढंग.... आवाज की बुलंदी... स्वरो का ज्ञान.... मै सिर्फ एक रचनाकार हूँ, कवि नहीं.... रौशनी करता हूँ इक "दीये" की तरह, रवि नहीं... बनारस की माटी... मेरा जन्मभूमि एवम् कर्मभूमि... मिलती नहीं है शोहरत, परवाह ना कोई है, मिल जाये स्नेह थोड़ा, बस चाह तो यही है... धन्यवाद..

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Mrs Patil
    14 जून 2025
    खता कर गया है, जुदाई वो देकर ,,, नहीं मानता गर ,मनाना नहीं है ,,,,व्वाह बहुत खूब !! खता करनेवालों की खैर नहीं तथा उन्हें माफी नहीं अब तो। हर बार की तरह भावस्पर्शी लाजवाब पेशकश । हर पंक्ति से जुड़ा भाव बेहद उम्दा तथा दमदार,,,,,जो अपनी स्वाभिमान की जान से भी ज्यादा हिफ़ाज़त करता हो। बहूत ही शानदार,,,,काबिल ए तारीफ सर्वोत्कृष्ट ग़ज़ल।
  • author
    Saraswati Mishra
    15 जून 2025
    लाजवाब लाजवाब लाजवाब लाजवाब लाजवाब लाजवाब लाजवाब लाजवाब लाजवाब लाजवाब लाजवाब लाजवाब लाजवाब लाजवाब लाजवाब शानदार सराहनीय भावनात्मक सृजन
  • author
    Aditi Tandon
    12 जून 2025
    नहीं गुज़रना उन रास्तों से उन गलियों से जहां चले थे साथ कभी वाह जी वाह बहुत खूब लिखा है आपने 👌👌👌
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    Mrs Patil
    14 जून 2025
    खता कर गया है, जुदाई वो देकर ,,, नहीं मानता गर ,मनाना नहीं है ,,,,व्वाह बहुत खूब !! खता करनेवालों की खैर नहीं तथा उन्हें माफी नहीं अब तो। हर बार की तरह भावस्पर्शी लाजवाब पेशकश । हर पंक्ति से जुड़ा भाव बेहद उम्दा तथा दमदार,,,,,जो अपनी स्वाभिमान की जान से भी ज्यादा हिफ़ाज़त करता हो। बहूत ही शानदार,,,,काबिल ए तारीफ सर्वोत्कृष्ट ग़ज़ल।
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    Saraswati Mishra
    15 जून 2025
    लाजवाब लाजवाब लाजवाब लाजवाब लाजवाब लाजवाब लाजवाब लाजवाब लाजवाब लाजवाब लाजवाब लाजवाब लाजवाब लाजवाब लाजवाब शानदार सराहनीय भावनात्मक सृजन
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    Aditi Tandon
    12 जून 2025
    नहीं गुज़रना उन रास्तों से उन गलियों से जहां चले थे साथ कभी वाह जी वाह बहुत खूब लिखा है आपने 👌👌👌