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घर गृहस्ती

4.5
2498

एक नई कहानी के साथ वापस लौटा हूं, आप सभी को कृष्णा की ओर से ढेर सारा प्रणाम और ढेर सारा प्यार,, काफी दिन हो चुके हैं,, खैर हम सभी के जीवन में कुछ ना कुछ तो परेशानियां होती ही हैं,,, खैर छोड़िए बिना ...

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लेखक के बारे में

https://www.youtube.com/channel/UC6L_a4oQTmYDtFGFnbR0H7Q मेरी कथाएं अथवा कहानियां का उदेश एक मात्र मनोरंजन है, अथवा मैं किसी पुस्तक से कहानी लिखने का प्रयास नहीं करता हूं, ये कहानी मेरे खुद के जीवन में बुजुर्ग और बुद्धिमान लोगों द्वारा सुनाई गई कहानियों में से एक है, कुछ कहानी काल्पनिक है, कुछ कहानी वास्तविकता को दर्शाती है, जो मेरे जीवन की घटनाओं पर आधारित है।। उम्मीद करता हूं आप सभी को मेरी कथाएं अवश्य पसंद आयेगी, आप सभी का आभार प्रकट करता हूं और धन्यवाद देना चाहता हूं आपका प्यारा मित्र कृष्णा ।। https://www.facebook.com/kishan.khadka.543

समीक्षा
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    13 जुलाई 2021
    "आईना", को प्रतिलिपि पर पढ़ें : https://hindi.pratilipi.com/story/%E0%A4%86%E0%A4%88%E0%A4%A8%E0%A4%BE-nbrezflkg3sl?utm_source=android&utm_campaign=content_share भारतीय भाषाओमें अनगिनत रचनाएं पढ़ें, लिखें और सुनें, बिलकुल निःशुल्क!
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    Krishna Shukla
    01 जुलाई 2021
    कहानी तो ठीक है लेकिन किसी को सिखाने या डराने के लिए किसी निर्दोष की निर्मम हत्या हजम नहीं हुई बैसे ये आपका अपना तरीका है... तुक्का लगगया कहीं निर्मम समझ छोड़ जाती तव
  • author
    पूनम दहिया
    02 जुलाई 2021
    रचना निस्संदेह बढिया है पर गृहस्ती की जगह शब्द गृहस्थी होगा शीर्षक में। अगर ये क्षेत्रीय प्रभाव के कारण है तो सही ।
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    13 जुलाई 2021
    "आईना", को प्रतिलिपि पर पढ़ें : https://hindi.pratilipi.com/story/%E0%A4%86%E0%A4%88%E0%A4%A8%E0%A4%BE-nbrezflkg3sl?utm_source=android&utm_campaign=content_share भारतीय भाषाओमें अनगिनत रचनाएं पढ़ें, लिखें और सुनें, बिलकुल निःशुल्क!
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    Krishna Shukla
    01 जुलाई 2021
    कहानी तो ठीक है लेकिन किसी को सिखाने या डराने के लिए किसी निर्दोष की निर्मम हत्या हजम नहीं हुई बैसे ये आपका अपना तरीका है... तुक्का लगगया कहीं निर्मम समझ छोड़ जाती तव
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    पूनम दहिया
    02 जुलाई 2021
    रचना निस्संदेह बढिया है पर गृहस्ती की जगह शब्द गृहस्थी होगा शीर्षक में। अगर ये क्षेत्रीय प्रभाव के कारण है तो सही ।