pratilipi-logo प्रतिलिपि
हिन्दी

"घनघोर बदरिया"

5
4

"घनघोर बदरिया" मेघों की टोली आई उमड़ घुमड़ बाज रही घन घन घन बरस रही घनघोर बदरिया घनघोर बदरिया उमड़ घुमड़ कर बदरा छा गए भादौं सी झरी लगी बावरा मन मयूर झूम झूम कर नाचे कब आएंगे चित चोर साँवरिया सुन ...

अभी पढ़ें
लेखक के बारे में
author
Rajni Katare

अन्तर्मन से उपजे उदगारों को, कागज और कलम लेकर लिखने लग जाती हूँ -* रजनी कटारे -: शिक्षा -एम. ए. ,बी. एड. (हिन्दी साहित्य) जबलपुर (जन्म-भोपाल) जन्मतिथि :- 9/7/56 * सृजन - : स्वतन्त्र लेखन - सामाजिक, पारिवारिक, कविता, कहानी और लेख - * प्रकाशन - : नव भारत में काफी पहले मेरे लेख प्रकाशित, एक लम्बे अंतराल के बाद ' प्रतिलिपि मंच ' पर साहित्यक गतिविधियों से जुड़ाव - * शिक्षण -: काफी समय पहले अध्यापन का कार्य करा (नवयुग उ. मा. विद्यालय जबलपुर) - * सम्मान -: "महाकोशल महिला उद्यमी संगठन "(मावे) में उपसचिव के पद पर रह चुकी, 'मावे' द्वारा मुझे 'अचीवमेन्ट अवार्ड ' से सम्मानित किया गया - * उत्कृष्ट -समाज सेवा के लिए मुझे ' प्रियदर्शनी अलंकरण ' सम्मान मिला - -------*----- श्रीमती रजनी कटारे जबलपुर (म. प्र.)

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    शानदार और जानदार प्रस्तुति। बेहतरीन अभिव्यक्ति। सटीक अभिव्यक्ति।
  • author
    Ambika Jha
    30 जनवरी 2024
    बहुत सुंदर 👌👌👌
  • author
    गुॅंजन कमल
    29 जनवरी 2024
    लाजवाब प्रस्तुति
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    शानदार और जानदार प्रस्तुति। बेहतरीन अभिव्यक्ति। सटीक अभिव्यक्ति।
  • author
    Ambika Jha
    30 जनवरी 2024
    बहुत सुंदर 👌👌👌
  • author
    गुॅंजन कमल
    29 जनवरी 2024
    लाजवाब प्रस्तुति