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जीबी रोड की वेश्या

4.4
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वेश्या है तो मतलब से ही होगी। पर वो कोई वेश्या नहीं, वो उनकी अक्का थी, अक्का का काम होता है उन रंडियों को सही दाम दिलवाना और उनका ख्याल रखना। डेनियल की नज़र बन्नो पर जिस दिन से पड़ी, बन्नो के मिज़ाज़ ...

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लेखक के बारे में

सहर करीब दस साल से पढ़ने और लिखने के शौक को काम की तरह करते हैं। तीन साल से अपना ब्लॉग लिख रहे हैं। खुद को अति-प्रैक्टिकल मानते हैं इसलिए इनकी कहानियों में भी प्रैक्टिकल ज्ञान साफ़ झलकता है। फ़िलहाल, प्राइवेट कंपनी में एडमिनिस्ट्रेटर हैं और अपने घर में राइटर। कहानियां लिखते हैं, गज़लें लिखते थे, अब इन दिनों उपन्यास लिख रहे हैं। आगे क्या लिखेंगे इसका क़तई कोई ज्ञान नहीं पर लिखते रहेंगे,इसका भरोसा है। अधिक जानकारी के लिए फेसबुक पर जुड़े अथवा ट्विटर पर फॉलो करें। /Siddhartarora2812 - Facebook @SiddheartA - Twitter

समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    Suryaa Shukla "Suryaa"
    05 अक्टूबर 2018
    kahani achhi lagi lekin ending achhe se samajh nahi aai
  • author
    Aryan Mathur
    28 जुलाई 2018
    कहानी तो अच्छी है पर अन्त उलझा हुआ है...
  • author
    23 अगस्त 2018
    बहुत खूबसूरत कहानी हैं, लेकिन इस कहानी का शीर्षक कुछ और होता तो ठीक रहता। जैसे कि "एक रात की कीमत" या "सिर्फ एक ही रात" या "अंग्रेज बाबू" या बन्नो के लिए अक्का के त्याग को जाहिर करता कोई शब्द या वाक्य ये "जीबी रोड़ की वेश्या" कहानी के अनुसार जमा नहीं।
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    Suryaa Shukla "Suryaa"
    05 अक्टूबर 2018
    kahani achhi lagi lekin ending achhe se samajh nahi aai
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    Aryan Mathur
    28 जुलाई 2018
    कहानी तो अच्छी है पर अन्त उलझा हुआ है...
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    23 अगस्त 2018
    बहुत खूबसूरत कहानी हैं, लेकिन इस कहानी का शीर्षक कुछ और होता तो ठीक रहता। जैसे कि "एक रात की कीमत" या "सिर्फ एक ही रात" या "अंग्रेज बाबू" या बन्नो के लिए अक्का के त्याग को जाहिर करता कोई शब्द या वाक्य ये "जीबी रोड़ की वेश्या" कहानी के अनुसार जमा नहीं।