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गजल (न जाने वो ....)

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गजल        न  जाने  वो कभी हमको यूँ ही याद करते हैं ।       वो जब भी याद आते हैं,बहुत ही याद आते हैं ।।       मुहब्बत के गुल ऐसे ही सदा देते रहें खुशबू ।       खुदा से बार ...

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लेखक के बारे में

सभी रचनाओं का सर्वाधिकार सुरक्षित ,ईमेल[email protected] पता-किसुनदासपुर रायबरेली, 229401 प्रकाशित-भक्ति मंजरी,(भक्ति गीत संग्रह),सारांश(हायकूमाला) शूलांजलि(गीत ) संस्थापक/अध्यक्ष-सुभाष माध्यमिक विद्यालय। रणवीरसिंह स्मारक जन सेवा संस्थान सम्मान---सरस्वती प्रतिष्ठान द्वारा ।बौद्धिक विचार मंच एवम् पारम्परिक साहित्य परिषद ।तनहा साहित्यिक संस्था सम्बद्ध----लोक साहित्य परिषद ।फेसबुक।यूट्यूब।गीत के मीत। प्रतिलिपि

समीक्षा
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  • author
    Anand Singh
    08 అక్టోబరు 2020
    very good
  • author
    Simpi Singh
    18 జూన్ 2020
    bahut hi achha hai
  • author
    शेष कुमार "दीपक"
    13 జూన్ 2020
    सुन्दर रचना
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    Anand Singh
    08 అక్టోబరు 2020
    very good
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    Simpi Singh
    18 జూన్ 2020
    bahut hi achha hai
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    शेष कुमार "दीपक"
    13 జూన్ 2020
    सुन्दर रचना