बहुत शहरी से क्यों लगते हो तुम, अपना गाँव कहीँ जंगल में छुपाया होगा तुमने । ये बुलंदी तुम्हारे आशियाने की कहती है झोपड़ियों को बहुत गहरे दबाया होगा तुमने l कत्ल करो या कातिल कहे जाओ, पाक साफ हो, ...
बहुत शहरी से क्यों लगते हो तुम, अपना गाँव कहीँ जंगल में छुपाया होगा तुमने । ये बुलंदी तुम्हारे आशियाने की कहती है झोपड़ियों को बहुत गहरे दबाया होगा तुमने l कत्ल करो या कातिल कहे जाओ, पाक साफ हो, ...