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गौतम से राम तक

4.2
940

गौतम ने तुम्हे पुत्रीवत पाल पोसकर बडा किया और अपनी अंकशायिनी बनाया तुम चुप रहीं मन ही मन जिसे(इन्द्र) प्रेम करती थीं उसे पाने की लालसा के बावजूद विरोध न कर सकीं चुप रहीं उस दिन इन्द्र को सामने पा रुक ...

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लेखक के बारे में

संतोष श्रीवास्तव 1977 से निरंतर लेखन कहानी,उपन्यास,कविता,स्त्री विमर्श,संस्मरण,लघुकथा,साक्षात्कार,आत्मकथा की अब तक 27 किताबे प्रकाशित। देश विदेश के मिलाकर कुल 28 पुरस्कार मिल चुके है। राजस्थान विश्वविद्यालय से पीएचडी की मानद उपाधि। "मुझे जन्म दो माँ" स्त्री के विभिन्न पहलुओं पर आधारित पुस्तक रिफरेंस बुक के रुप में विभिन्न विश्वविद्यालयों में सम्मिलित। संतोष जी की 6 पुस्तकों पर देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों से एम फिल हो चुका है । तथा अब तक सात पीएचडी हो चुकी है। कहानी लघुकथा एवं संस्मरण भारत के विभिन्न विद्यालयों तथा विश्वविद्यालयों में कोर्स में लगे हैं। भारत सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा विश्व भर के प्रकाशन संस्थानों को शोध एवं तकनीकी प्रयोग( इलेक्ट्रॉनिक्स )हेतु देश की उच्चस्तरीय पुस्तकों के अंतर्गत "मालवगढ़ की मालविका " उपन्यास का चयन विभिन्न रचनाओं के अनुवाद मराठी,ओडिया ,उर्दू ,पंजाबी,छत्तीसगढ़ी,तमिल,तेलुगू,मलयालम अँग्रेज़ी, गुजराती, बंगाली में हो चुके हैं। 31 देशों की साहित्यिक एवं सांस्कृतिक यात्रा। मध्य प्रदेश राष्ट्रभाषा प्रचार समिति एवं हिंदी भवन न्यास द्वारा वर्ष 2024 से संतोष श्रीवास्तव कथा सम्मान की स्थापना। मोबाइल नंबर 9769023188 ईमेल kalamkar.santosh@,Gmail.com

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    ashutosh pandey
    15 अप्रैल 2018
    The poem is the result of complete misunderstanding of events related to Ahalya.
  • author
    अभिषेक कुमार
    08 अप्रैल 2018
    ufff... chhote se kabita me puri tarah se sammahitt itni badi kahani
  • author
    shweta kumari
    08 जुलाई 2018
    वाह
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    ashutosh pandey
    15 अप्रैल 2018
    The poem is the result of complete misunderstanding of events related to Ahalya.
  • author
    अभिषेक कुमार
    08 अप्रैल 2018
    ufff... chhote se kabita me puri tarah se sammahitt itni badi kahani
  • author
    shweta kumari
    08 जुलाई 2018
    वाह