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गांव की यादें

4.7
38

गांव की यादें रेतीली माटी का वो कच्चा रास्ता देता मुझे है मेरे बचपन का वास्ता आम की डाली जिसपे पड़ते थे झूले कहती मुझसे है की तुम मुझे भूले बोला मुझसे नदी का बहता पानी भूले मुझे भी जबसे आयी ...

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लेखक के बारे में

कभी रिश्तों की उलझन, कभी ख्वाबों का किनारा, मैं हूँ कहानियों का सृजनहार, हर जज़्बात को सवारा...✍️✍️ 🇮🇳

समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    कोमल मेहता
    16 जुलाई 2020
    es hisab se aap ka gaav Bohot pyaara hai
  • author
    एलिना फ़लक "ALina"
    17 जुलाई 2020
    जीना इसी का नाम है।। बहुत सुंदर👌
  • author
    अतिसुन्दर बेहतरीन रचना
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    कोमल मेहता
    16 जुलाई 2020
    es hisab se aap ka gaav Bohot pyaara hai
  • author
    एलिना फ़लक "ALina"
    17 जुलाई 2020
    जीना इसी का नाम है।। बहुत सुंदर👌
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    अतिसुन्दर बेहतरीन रचना