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गमछा के इतिहास की रोचक कहानी जीतू त्रिपाठी

4.6
31

गमछा भारतीय संस्कृति का सनातन वस्त्र है । मूलतः अंगोछा की यात्रा ब्रह्मा जी के साथ ही प्रारम्भ होती है इस कारण यह सनातन है । कल यह अंगवस्त्रम था बाद में अंगोछा हुआ और अब ये टॉवेल में परिणत होने ...

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लेखक के बारे में
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jk tripathi

चित्त को शान्ति मिलती है जब मनोभावों को कागज पर उकेरता हूँ।जो भी लिखता हूँ, वो सब आप लोगों को देखकर ही सीखा है। हम सबके साथ।। जय कामतानाथ।।

समीक्षा
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  • author
    Arunima Dubey
    17 अप्रैल 2020
    बहुत बढ़िया लिखा आपने गमझा आज के दौर का सबसे महत्वपूर्ण वस्त्र है अब तो मोदी जी भी कह रहे हैं कि सबको गमझा से मुंह ढक कर चलना चाहिए फेस मास्क से बेहतर विकल्प है! एक बात और वो यह है कि बनारसी गमझा एक तरफ और बाकी गमझा दूसरी यानि बनारसी गमझा बहुत श्रेष्ठ श्रेणी का होता है, बहुत, सही समय पर सही लेख लिखा आपने बहुत बहुत साधुवाद 🙏🙏💐💐🙂
  • author
    Meenakshi Dubey "वत्सला"
    12 मई 2020
    😀 😀 बढ़िया 👏
  • author
    Deo narain dubey
    20 अप्रैल 2020
    very good.🙏🙏
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    Arunima Dubey
    17 अप्रैल 2020
    बहुत बढ़िया लिखा आपने गमझा आज के दौर का सबसे महत्वपूर्ण वस्त्र है अब तो मोदी जी भी कह रहे हैं कि सबको गमझा से मुंह ढक कर चलना चाहिए फेस मास्क से बेहतर विकल्प है! एक बात और वो यह है कि बनारसी गमझा एक तरफ और बाकी गमझा दूसरी यानि बनारसी गमझा बहुत श्रेष्ठ श्रेणी का होता है, बहुत, सही समय पर सही लेख लिखा आपने बहुत बहुत साधुवाद 🙏🙏💐💐🙂
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    Meenakshi Dubey "वत्सला"
    12 मई 2020
    😀 😀 बढ़िया 👏
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    Deo narain dubey
    20 अप्रैल 2020
    very good.🙏🙏