pratilipi-logo प्रतिलिपि
हिन्दी

गधा अब गधा नहीं रहा।

4
2

गधा  अब गधा नहीं रहा मैं देख रही हूँ वो जोर जोर से हँस रहा है, पास जा कर मैंने पूछा क्यूँ रे क्यूँ हंसता  है? उसने हँस  कर कहा गदहा अब गधा नहीं रहा। बात तो मेरे पल्ले नहीं पड़ी। फ़िर से पूछने लगी क्या ...

अभी पढ़ें
लेखक के बारे में

🍂🍂" ऋतुओं सी इक लड़की जो कभी गुलमोहर के फूलों संग खिलती है। कभी साल के पत्तों संग पेड़ से झरती है।"🍂🥀🥀

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Jyoti Sharma
    10 ಅಕ್ಟೋಬರ್ 2022
    👌👌👌
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Jyoti Sharma
    10 ಅಕ್ಟೋಬರ್ 2022
    👌👌👌