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!! फस्ट नाईट !!

3.7
52713

महराष्ट्र के एक छोटे से शहर में एक प्रतिष्ठित व्यवसायी परिवार रहता था उस परिवार में कुल तीन सदस्य थे परिवार के प्रमुख सेठ करोणी मल उनकी पत्नी कावेरी तथा बहुत ही खूबसूरत होनहार इकलौती पुत्री 20 ...

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लेखक के बारे में

देश बदल रहा है।...जय जवान जय किशान ।...जय हिंद... Email /[email protected]. पढने और लिखने का एकमात्र शौक,पर लिखना !! प्रतिलिपि !! मे 16 मई 2019 को अपनी पहली स्वरचित रचना !! विश्व विनाशक ये इंसान !! से शुरू किया हुँ,ये जीवन का सफर पता नही किस अंतिम रचना के साथ समाप्त होगा .......? !! प्रतिलिपि !! ने कहानी लिखने हेतु शानदार मंच दिया इसके लिए प्रतिलिपि का तहेदिल से शुक्रिया अदा करता हूँ। ""जीवन का अमुल्य समय अपने परिवार के साथ बिताए वो ही आपके सही मायने में अपने है बाकि सभी मतलब के साथी है"" ( प्रतीक"समीर"अवस्थी ) पाठकों और फालोअर्स ने मेरी रचनाओं को पसंद किया वो ही प्यार मेंरे जीवन की असली पुँजी है,मै पाठकगण और फालोअर्स का तहेदिल से धन्यवाद,आभार और शुक्रिया अदा करता हूँ कि आपने अपना कीमती वक्त निकालकर मेरी रचनाएँ पढी तथा बहुमूल्य रेटिंग व समीक्षा दी।....जय श्री कृष्ण......(प्रतीक अवस्थी"समीर")

समीक्षा
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  • author
    Maya sharma
    10 সেপ্টেম্বর 2019
    ऐसी कहानी लिखनी जरूरी है ,मै जानती हूँ कि आपके कहानी लिखने के पीछे भाव यही है कि सब पुरुष ऐसे जिस्म के भूखे नही होते।वहाँ तक ठीक था लेकिन ये कपड़े उतारने की डिटेल की जरूरत नही थी।सिर्फ यही काफी था कि अगली रात में वें 2 जिस्म 1 जान हो गए थे या उनके बीच की दूरियां खत्म हो चुकी थी।साहित्य को अच्छे से लिखें तो यही समाज का दर्पण है।आजकल लोग पढ़ना भी ऐसे ही पसन्द करते है।पर क्या रेटिंग के चक्कर में हम मर्यादा भूल जाये।मेरी बात कड़वी जरूर है पर सच है।
  • author
    Sumit Khushlani
    01 অগাস্ট 2019
    जब आप सांसारिक विषय पर कहानी लिख रहे है तो last मे भगवान का नाम नही लिखना चाहिये था. भगवान कृष्ण ने 16100 स्त्रियों से केवल इसलिये विवाह किया क्योकि समाज ने उन स्त्रियों से उनका सम्मान छिन लिया क्योकि वो एक राक्षस की कैद मे रही थी. और ऐसे सांसारिक विषय मे भगवान का नाम अच्छा नही लगता. अन्यथा कहानी काफ़ी अच्छी थी. कहानी के माध्यम से औरतों की मनो व्यथा का सही चित्रण
  • author
    Pramod Joshi
    12 জুলাই 2019
    कहानी अच्छी है लेकिन कपड़े उतारने का विवरण संक्षेप मे होता तो ठीक था,इस तरह की कहानियों के अंत मे जय श्री कृष्णा कहना जंचा नही..
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    Maya sharma
    10 সেপ্টেম্বর 2019
    ऐसी कहानी लिखनी जरूरी है ,मै जानती हूँ कि आपके कहानी लिखने के पीछे भाव यही है कि सब पुरुष ऐसे जिस्म के भूखे नही होते।वहाँ तक ठीक था लेकिन ये कपड़े उतारने की डिटेल की जरूरत नही थी।सिर्फ यही काफी था कि अगली रात में वें 2 जिस्म 1 जान हो गए थे या उनके बीच की दूरियां खत्म हो चुकी थी।साहित्य को अच्छे से लिखें तो यही समाज का दर्पण है।आजकल लोग पढ़ना भी ऐसे ही पसन्द करते है।पर क्या रेटिंग के चक्कर में हम मर्यादा भूल जाये।मेरी बात कड़वी जरूर है पर सच है।
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    Sumit Khushlani
    01 অগাস্ট 2019
    जब आप सांसारिक विषय पर कहानी लिख रहे है तो last मे भगवान का नाम नही लिखना चाहिये था. भगवान कृष्ण ने 16100 स्त्रियों से केवल इसलिये विवाह किया क्योकि समाज ने उन स्त्रियों से उनका सम्मान छिन लिया क्योकि वो एक राक्षस की कैद मे रही थी. और ऐसे सांसारिक विषय मे भगवान का नाम अच्छा नही लगता. अन्यथा कहानी काफ़ी अच्छी थी. कहानी के माध्यम से औरतों की मनो व्यथा का सही चित्रण
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    Pramod Joshi
    12 জুলাই 2019
    कहानी अच्छी है लेकिन कपड़े उतारने का विवरण संक्षेप मे होता तो ठीक था,इस तरह की कहानियों के अंत मे जय श्री कृष्णा कहना जंचा नही..