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सौतेला प्यार ...!

4.5
20091

<p>एक रिश्ता अनकहा सा..!</p>

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लेखक के बारे में
author
मनीष गोडे

I am an amateur writer and poet. I also write in Hindi and Marathi as well. I will appreciate your valuable comments. मैं एक शौकिया लेखक कवी हूँ। मैं अपने आसपास घटीत हो रही घटनाओं को अपने ख़यालात में बुनने की कोशिश करता हूँ। मैं अपने लेख एवम् कविताओं के माध्यम से कोई ना कोई सामाजिक सन्देश देने की कोशिश करता हूँ। प्रतिलिपि द्वारा आयोजित अनेक प्रतियोगिताओं में मैंने अपनी जगह बनायीं है।

समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    Lalit Negi
    14 जुलाई 2018
    बहुत ही प्यारी कहानी है परन्तु अंत में भावेश को अजय और अंजलि के सामने झुका हुआ महसूस करने की जरूरत नहीं है, भावेश ने भी बड़ा दिल रखते हुए उनके रिश्ते को शुरूआत से ही अपना लिया था । हालाँकि वह मन से दुखी था पर उसने अजय को कभी भी उसपर किए गए एहसानो की दुहाई नहीं दी। ऐसा मेरा मानना है, लेखक महोदय ने भी कहानी को सुखद मोड़ पर पूर्ण करके अच्छा ही किया है । मनीष जी को साधुवाद
  • author
    Sanjiv Kumar Tiwary
    16 मार्च 2017
    इस कहानी की जो सबसे अच्छी बात है वह है इसका प्रवाह।शुरू से आखिर तक यह एक पूर्वनिर्धारित फ्रेम में कसी हुई है कहानी का कोई छोर इस फ्रेम को नहीं तोड़ पता है। दिव्यांग पात्र के इंफिरियर्टी काम्प्लेक्स का भी बड़ी सजीवता से वर्णन किया गया है। कुल मिलाकर एक अच्छी कहानी।
  • author
    Meena Bhatt.
    05 अगस्त 2018
    बहुत सुंदर लिखा आपने।लेखन में ईर्ष्या भाव बड़ा सजीव था।शुभकामनाएं।
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    Lalit Negi
    14 जुलाई 2018
    बहुत ही प्यारी कहानी है परन्तु अंत में भावेश को अजय और अंजलि के सामने झुका हुआ महसूस करने की जरूरत नहीं है, भावेश ने भी बड़ा दिल रखते हुए उनके रिश्ते को शुरूआत से ही अपना लिया था । हालाँकि वह मन से दुखी था पर उसने अजय को कभी भी उसपर किए गए एहसानो की दुहाई नहीं दी। ऐसा मेरा मानना है, लेखक महोदय ने भी कहानी को सुखद मोड़ पर पूर्ण करके अच्छा ही किया है । मनीष जी को साधुवाद
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    Sanjiv Kumar Tiwary
    16 मार्च 2017
    इस कहानी की जो सबसे अच्छी बात है वह है इसका प्रवाह।शुरू से आखिर तक यह एक पूर्वनिर्धारित फ्रेम में कसी हुई है कहानी का कोई छोर इस फ्रेम को नहीं तोड़ पता है। दिव्यांग पात्र के इंफिरियर्टी काम्प्लेक्स का भी बड़ी सजीवता से वर्णन किया गया है। कुल मिलाकर एक अच्छी कहानी।
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    Meena Bhatt.
    05 अगस्त 2018
    बहुत सुंदर लिखा आपने।लेखन में ईर्ष्या भाव बड़ा सजीव था।शुभकामनाएं।