किसी समय में ठगौना गाँव ठगी के लिए नामाजादी रहा है। ठगौना के जवान-अधेड़ तो क्या, औरतें-बच्चे, यहां तक कि बूढ़े भी अपनी जबान में न जाने कौन-सी मिश्री घोल कर रखते थे कि दो शब्द सुनने के बाद मजाल है कि ...
मुझे अमृता चाहिए' 'शत्रुगंध' 'हस्ताक्षर', 'केशवलीला रामरंगीला' 'चौथी सिगरेट" आदि मौलिक हिंदी नाटकों का लेखन। तीन नाटकों पर मोहन राकेश सम्मान प्राप्त। दो नाटक आकाशवाणी द्वारा पुरस्कृत।
मुझे अमृता चाहिए' 'शत्रुगंध' 'हस्ताक्षर', 'केशवलीला रामरंगीला' 'चौथी सिगरेट" आदि मौलिक हिंदी नाटकों का लेखन। तीन नाटकों पर मोहन राकेश सम्मान प्राप्त। दो नाटक आकाशवाणी द्वारा पुरस्कृत।
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