pratilipi-logo प्रतिलिपि
हिन्दी

#फिर_वही_किस्सा

4.3
497

कुछ इंसानी फ़ितरत है कुछ वक्त का तकाजा, न हम वेवफा न तुम,

अभी पढ़ें
लेखक के बारे में
author
डा.कुसुम जोशी

सबसे मुश्किल होता है अपने बारे में लिखना...

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    आनन्द प्रकाश "Azaad"
    11 मई 2019
    वाह ! बहुत सुन्दर रचना! फितरतन आपके तोते ने मर्द की तरफदारी की तो मैना ने औरत की। पर आपके शब्दों में कौन ज्यादा बेवफा हो सकता है?
  • author
    12 मई 2019
    💐💐💐🙏🙏🙏
  • author
    स्नेह गोस्वामी
    11 मई 2019
    वाह पुराने किस्से को नये संदर्भ में खूब जोड़ा गया है
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    आनन्द प्रकाश "Azaad"
    11 मई 2019
    वाह ! बहुत सुन्दर रचना! फितरतन आपके तोते ने मर्द की तरफदारी की तो मैना ने औरत की। पर आपके शब्दों में कौन ज्यादा बेवफा हो सकता है?
  • author
    12 मई 2019
    💐💐💐🙏🙏🙏
  • author
    स्नेह गोस्वामी
    11 मई 2019
    वाह पुराने किस्से को नये संदर्भ में खूब जोड़ा गया है