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फिर कब मिलेंगें ?

4.9
383

फिर कब मिलेंगें ? जब मैंने अपनी आँखें खोली तो अपने आप को अस्पताल में पाया। यहाँ कैसे आया, मुझे कुछ याद नही आ रहा था। कुछ याद करने की कोशिश की तो याद आया कि मैं तो मुम्बई से बनारस जा रहा ...

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लेखक के बारे में
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मोहन सिंह

मैं मुंबई पब्लिक स्कूल का अध्यापक हूँ। मेरी शिक्षा M.Sc. B.Ed . M.A. (His). M.A.(JMC), CC- IT, MS-CIT, NCC है। विज्ञान का छात्र होने के बाद भी भाषा से लगाव है। मैं कोई प्रोफेशनल लेख़क नही हूँ फिर भी लेखन का प्रयास करता हूँ। कहानियों के माध्यम से लोगों को जागरूक करना चाहता हूँ। My Email [email protected]

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Senila Khira
    09 मई 2020
    बहुत बढ़िया, बहुत ही सुंदर क्या निर्मला से फिर से मुलाकात होगी?! इंतजार रहेगा......
  • author
    bht sundar sir, kya Sahas dikhaya aapne
  • author
    Dolagobinda Dash "Kanha"
    05 मई 2020
    Good writing
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    Senila Khira
    09 मई 2020
    बहुत बढ़िया, बहुत ही सुंदर क्या निर्मला से फिर से मुलाकात होगी?! इंतजार रहेगा......
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    bht sundar sir, kya Sahas dikhaya aapne
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    Dolagobinda Dash "Kanha"
    05 मई 2020
    Good writing