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फिर जूलिया

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फिर जूलिया/ दीपक मशाल

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लेखक के बारे में
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दीपक मशाल

२४ सितम्बर सन् १९८० को उरई में जन्म, उत्तर प्रदेश के कोंच(जालौन) में मूल निवास। बुंदेलखंड विश्वविद्यालय झाँसी से जैव-प्रौद्योगिकी में परास्नातक एवं क्वींस विश्वविद्यालय, बेलफास्ट (यूनाइटेड किंगडम) से उच्चतर शोध शिक्षा पूर्ण करने के पश्चात विभिन्न परियोजनाओं के सिलसिले में पहले पेरिस शहर में और अब कोलम्बस-ओहायो, अमेरिका में। अब तक विविध विधाओं की रचनाओं का (समरलोक, वागर्थ, हंस, कथादेश, पाखी, हिंदी-चेतना, गगनांचल, कथाक्रम, परिकथा, व्यंग्य-यात्रा, गर्भनाल, प्रवासी दुनिया, लघुकथा.कॉम, हिंदी-समय, गद्यकोश, कविताकोश, लल्लनटॉप.कॉम, स्टोरीमिरर.कॉम, प्रतिलिपि.कॉम, अभिव्यक्ति, लेखनी, अमर उजाला, जनसत्ता, नई दुनिया, लोकमत समाचार, पत्रिका, दैनिक जागरण, अमर उजाला, जनसन्देश टाइम्स, नवभारत टाइम्स, विधान केसरी सहित कई) प्रमुख पत्र-पत्रिकाओं एवं नेट पत्रिकाओं में प्रकाशन। अंग्रेजी से हिन्दी में अनुवादित रचनाओं का कुछ पत्रिकाओं में प्रकाशन। 'ब्रेवहार्टस् ऑफ़ इंडिया' पुस्तक का हिंदी में अनुवाद। रचनाओं और साक्षात्कारों का आकाशवाणी एवं देश-विदेश के एफ.एम्. रेडियो से प्रसारण। नेहरू सेंटर लन्दन में कहानी पाठ, उत्तरी आयरलैण्ड के बेलफ़ास्ट के प्रथम हिन्दी कवि सम्मेलन सहित कई मंचों से रचनापाठ। विश्व हिन्दी सचिवालय, मॉरीशस द्वारा क्रमश: 2014, 2015 एवं 2017 में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय लघुकथा, निबंध तथा एकांकी प्रतियोगिताओं में प्रथम स्थान। २०१४ से २०१६ की शुरुआत तक जनसत्ता में 'दुनिया मेरे आगे' स्तम्भ के लिए लेखन। उर्दू, पंजाबी, अंग्रेज़ी में अनूदित लघुकथाओं का पाकिस्तानी, भारतीय और ब्रिटिश पत्रिकाओं में प्रकाशन। पुस्तक 'ब्रिटेन की प्रतिनिधि कहानियाँ' में कहानी 'उज्जवला अब खुश थी' को स्थान। २०१० में कविता संग्रह “अनुभूतियाँ” एवं २०१७ में लघुकथा संग्रह 'खिड़कियों से...' प्रकाशित साथ ही भारत, ब्रिटेन, हाँगकांग, अमेरिका व कनाडा से प्रकाशित कई जर्नल्स व लघुकथा, कहानी तथा कविता संग्रहों में रचनाओं को ठौर। २०१२ में अक्षरम, प्रवासी दुनिया द्वारा युवा प्रवासी रचनाकार सम्मान। जुलाई २०१६ से पिट्सबर्ग, अमेरिका से प्रकाशित द्विभाषी पत्रिका सेतु का सम्पादन। ओहायो स्टेट यूनिवर्सिटी, कोलम्बस में कॉलेज ऑफ़ आर्ट्स एंड साइंस में प्रवक्ता एवं हिन्दी क्लब सलाहकार। साहित्य के अलावा अभिनय, चित्रकारी, फोटोग्राफी और खाना पकाना पसंद।

समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    सोनल रस्तोगी
    12 जुलाई 2017
    बढ़िया, हम सभी जूलिया हे तो हैं
  • author
    Indra Kilam
    24 जुलाई 2018
    जोड़ तोड का गणित और पा्चीन- नवीन का संगम---अद्भुत. बेजोड़ समानताओं से भरी कहानी
  • author
    Mukesh Ram Nagar
    15 जून 2018
    अप्रतिम, अद्भुत दीपक जी , कमाल का फ्यूजन किया अपने इंडो-रशियन।👌👌
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    सोनल रस्तोगी
    12 जुलाई 2017
    बढ़िया, हम सभी जूलिया हे तो हैं
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    Indra Kilam
    24 जुलाई 2018
    जोड़ तोड का गणित और पा्चीन- नवीन का संगम---अद्भुत. बेजोड़ समानताओं से भरी कहानी
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    Mukesh Ram Nagar
    15 जून 2018
    अप्रतिम, अद्भुत दीपक जी , कमाल का फ्यूजन किया अपने इंडो-रशियन।👌👌