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फिर भी तुमको चाहूंगा....

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फिर भी तुमको चाहूंगा.... ज़िन्दगी कैसी है किसी को यह क्या बताऊंगा चलता ही जाऊंगा रुक तो नहीं पाऊंगा                             फिर भी तुमको चाहूंगा.... ढल जाएंगे लम्हें हर पल इनको रोक न पाऊंगा ...

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Ramesh Bisht
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