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फ़रिश्ता

4.5
57601

बहुत साल पहले की ये बात है. मुझे कुछ काम से मुंबई से सूरत जाना था. मैं मुंबई सेंट्रल स्टेशन पर ट्रेन का इन्तजार कर रहा था. सुबह के करीब ६ बजे थे. मैं स्टेशन में मौजूद बुक्स शॉप के खुलने का इन्तजार कर ...

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लेखक के बारे में

Name : Vijay Kumar Sappatti Education : MBA, PG-HRD, PG-MKTG, DEGREE-Economics & English Literature, DIPLOMA in Mining Engineering Job : Marketing Consultant Publications : Two books in Hindi – one for poetry and one for stories Poetry – “ Ujale Chaand Kee Beceni “ Story- “ Ek Thi Maaya “ Many poems and stories published in various national and international magazines [ both in print & electronic medium ] Major Blogs Poems – http://frozenmomentsoflifetime.blogspot.in ,Writings - http://thewritingonwall.blogspot.in

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Ashok Sharma
    12 మే 2020
    बहुत अच्छी कहानी है। वास्तविक जीवन में ऐसा होता भी है। इस कहानी की सबसे बड़ी बात यह है कि मदद करने वाले हाथ किसी भी व्यक्ति के हो सकते हैं लेकिन जिन बच्चों की मदद की गईं, उन बच्चों ने सही दिशा की ओर अग्रसर होते सतत प्रयास किया और परिणाम भी सही रहे। जमाल ने न केवल उस मदद करने वाले अनजान व्यक्ति (फ़रिश्ते) को पहचाना बल्कि उसने उस समय की गई मदद के लिए अहसान माना । उसकी बहन ने उस व्यक्ति को फ़रिश्ते का नाम दे दिया।
  • author
    narendra bahadur singh
    09 మే 2020
    इस प्रकार के अन्यान्य विषय भी हैं जिस पर लेखन की आवश्यकता है।कहानी के माध्यम से समाजसेवियों व भीख मांगने वाले लोगों दोनों को शिक्षा प्रदान करती है
  • author
    30 ఆగస్టు 2018
    सहारा देने के लिए प्रेरित करती कहानी आत्मचिंतन की अपेक्षा भी करती है ।साधुवाद ।
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    Ashok Sharma
    12 మే 2020
    बहुत अच्छी कहानी है। वास्तविक जीवन में ऐसा होता भी है। इस कहानी की सबसे बड़ी बात यह है कि मदद करने वाले हाथ किसी भी व्यक्ति के हो सकते हैं लेकिन जिन बच्चों की मदद की गईं, उन बच्चों ने सही दिशा की ओर अग्रसर होते सतत प्रयास किया और परिणाम भी सही रहे। जमाल ने न केवल उस मदद करने वाले अनजान व्यक्ति (फ़रिश्ते) को पहचाना बल्कि उसने उस समय की गई मदद के लिए अहसान माना । उसकी बहन ने उस व्यक्ति को फ़रिश्ते का नाम दे दिया।
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    narendra bahadur singh
    09 మే 2020
    इस प्रकार के अन्यान्य विषय भी हैं जिस पर लेखन की आवश्यकता है।कहानी के माध्यम से समाजसेवियों व भीख मांगने वाले लोगों दोनों को शिक्षा प्रदान करती है
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    30 ఆగస్టు 2018
    सहारा देने के लिए प्रेरित करती कहानी आत्मचिंतन की अपेक्षा भी करती है ।साधुवाद ।