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फै़सला किया

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इंतेज़ार करते रहे, एक मुदद्त से वक्त पर देखते रहे, शिदद्त से, फिर चल पड़े, बात दिल की कहने का हौसला किया ख़ौफ-ए-नमंज़ुरी के चलते, यह मजमून छोड़ने का फैसला किया -आर. वी. ...

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लेखक के बारे में
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राहुल वर्मा

राहुल वर्मा 29/Feb/1996 हिन्दी साहित्य से अत: लगाव| कृपया कविताए एवम् कहानियाँ पढ़ने के उपरान्त टिप्पणी कर अपना सुझाव देना न भूले बी.कॉम कानपुर फेसबुक https://www.facebook.com/?ref=tn_tnmn इंस्टाग्राम https://www.instagram.com/raaul_v/

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    anika yadav
    04 मार्च 2022
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    anika yadav
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