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फ़ैसला

3.9
1965

अमर बाबू के मोहल्ले में साम्प्रदायिक दंगा हुआ था। कितने घर लुटे और कितनी बहू-बेटियों की इज़्ज़त ख़ाक हुई— कोई हिसाब न था। पाँच व्यक्तियों की जान लेकर और दस को अपंग बनाकर उन्माद शान्त हुआ था। अमर बाबू ...

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समीक्षा
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    Ritu Kaushal
    27 अगस्त 2021
    अपेक्षा क्या करें आपसे, कैराना, मेरठ में को आतंक हुआ है आप जैसे महान विचारकों का आशीर्वाद है। 1992 के दंगे में मेरे पड़ोसी भी इसी विश्वास से गए थे कि कोई "मुख्तार मियां" कुछ नही करेगा लेकिन फिर उनकी लाश एक बोरे में कई टुकड़ों में विभक्त मिली। और संकड़ो बलात्कार और लव जेहाद तो हद से पार।
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    12 अगस्त 2017
    कभी कभी सोच और सच में बहुत फर्क होता है... काश लोग समझें.….....
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    Ritu Kaushal
    27 अगस्त 2021
    अपेक्षा क्या करें आपसे, कैराना, मेरठ में को आतंक हुआ है आप जैसे महान विचारकों का आशीर्वाद है। 1992 के दंगे में मेरे पड़ोसी भी इसी विश्वास से गए थे कि कोई "मुख्तार मियां" कुछ नही करेगा लेकिन फिर उनकी लाश एक बोरे में कई टुकड़ों में विभक्त मिली। और संकड़ो बलात्कार और लव जेहाद तो हद से पार।
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    12 अगस्त 2017
    कभी कभी सोच और सच में बहुत फर्क होता है... काश लोग समझें.….....