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ऐसा भी होता है

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आज सुभि की पहली रसोई की रस्म थी ।और उसे बीते हुए कुछ दिन याद आ रहे थे । सुभि के सभी घर वाले बहुत खुश थे ।और होते भी क्यों ना आखिर इतने अच्छे घर में रिश्ता हुआ था सुभि का ,पर सुभि जितनी तेजी से ...

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लेखक के बारे में

नाम :- नेहा अग्रवाल नेह जन्म :- 19 अप्रैल शिक्षा :- एम .एस.सी ( रसायनशास्त्र ) लेखन विधा :- लघुकथा ,कहानी ,कविता,व्यंग्य,पत्र,लेख दैनिक भास्कर मधुरिमा , दैनिक जागरण , साहित्य अमृत, मृगमरीचिका, साधव्यूज, साहित्य सरोज ,परतों की पड़ताल , लोकजंग ,दैनिक अकुंर , नवप्रदेश ,अट्टहास , दैनिक मैट्रो ,साफ्ताहिक अकोदिया सम्राट ,प्रतिलिपि ,योर कोट्स ,मातृ भारती ,स्टोरी मिरर, हिन्दी रचना संसार , हैक जिन्दगी , साहित्यपीडिया , किस्सा कृति , सत्य की मशाल ,आगमन ,गृहलक्ष्मी , पर रचनाएं प्रकाशित प्रकाशित कृतियाँँ :- बूँद - बूँद सागर ( लघुकथा संग्रह ) , फलक ( लघुकथा संग्रह ),अपने अपने क्षितिज ( लघुकथा संग्रह ),काव्य सुरभि ( काव्य संग्रह ) सम्पादित कृति :- स्वप्नगंधा काव्य संग्रह फोन :- 9410405901 ईमेल:- [email protected]

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    पाण्डेय अनिक
    20 ഫെബ്രുവരി 2018
    वाह! बहुत ही सुन्दर तरीके से शब्दों की कशीदाकारी। छोटे में सकारात्मक संदेश। शुभकामनाएँ!!
  • author
    Krishna Kumar "'प्रशांत'"
    15 ജൂണ്‍ 2019
    bahut sunder story ,shuru se ant tak aap ne kahani me pakad banakar rakha hai , saas aur bahu Ke rishte ko bahut hi sunder tareeke se prastut kiya hai , kash ! aisi saas Har ladki ko mile to shayad kisi bhi ghar me kabhi klesh aur ladai jhagde kabhi na ho , Neha ji is sunder rachna Ke liye aap badhaee Ki paatra hai . dhanyawad .
  • author
    मनोरमा ओझा
    16 സെപ്റ്റംബര്‍ 2020
    मोहक रचना।सचमुच यदि हमें सार्थक जीवन जीना है तो रिश्तों में ऐसी ही मिठास बरकरार रखनी होगी।
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    पाण्डेय अनिक
    20 ഫെബ്രുവരി 2018
    वाह! बहुत ही सुन्दर तरीके से शब्दों की कशीदाकारी। छोटे में सकारात्मक संदेश। शुभकामनाएँ!!
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    Krishna Kumar "'प्रशांत'"
    15 ജൂണ്‍ 2019
    bahut sunder story ,shuru se ant tak aap ne kahani me pakad banakar rakha hai , saas aur bahu Ke rishte ko bahut hi sunder tareeke se prastut kiya hai , kash ! aisi saas Har ladki ko mile to shayad kisi bhi ghar me kabhi klesh aur ladai jhagde kabhi na ho , Neha ji is sunder rachna Ke liye aap badhaee Ki paatra hai . dhanyawad .
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    मनोरमा ओझा
    16 സെപ്റ്റംബര്‍ 2020
    मोहक रचना।सचमुच यदि हमें सार्थक जीवन जीना है तो रिश्तों में ऐसी ही मिठास बरकरार रखनी होगी।