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इलेक्ट्रॉनिक प्यार

3.4
2848

सुबह से लेकर शाम तक, शाम से लेकर रात तक रात से लेकर सुबह तक, सुबह से फिर शाम तक मुझे प्यार करो.... जैसे ही रेडियो में ये गाना सुना , जैसे मेरी हे पत्नी का कोई राग पुराना सुना जैसे राज अपने दिल के सरे ...

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लेखक के बारे में
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नेहा रस्तोगी
समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Jainand Gurjar
    06 दिसम्बर 2018
    shaandaar💐💐💐💐💐💐 जी आप मेरी नई कहानी"मानसिक बलात्कार" और "उसका यूँ तोतलाना" पढ़ सकते हैं।
  • author
    Mohit Awasthi
    31 मई 2015
    नेहा जी आपकी हर कविता पढ़के होठों पे खुद-ब-खुद हंसी आ जाती है, बहुत बहुत धन्यवाद  सदा ऐसे ही लिखती रहें
  • author
    16 अगस्त 2020
    रचना तो ठीक है पर ये बाल साहित्य में कैसे आई🤔
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    Jainand Gurjar
    06 दिसम्बर 2018
    shaandaar💐💐💐💐💐💐 जी आप मेरी नई कहानी"मानसिक बलात्कार" और "उसका यूँ तोतलाना" पढ़ सकते हैं।
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    Mohit Awasthi
    31 मई 2015
    नेहा जी आपकी हर कविता पढ़के होठों पे खुद-ब-खुद हंसी आ जाती है, बहुत बहुत धन्यवाद  सदा ऐसे ही लिखती रहें
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    16 अगस्त 2020
    रचना तो ठीक है पर ये बाल साहित्य में कैसे आई🤔