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एकलौता खत

4.2
694

नज़रों से देखा करता था तुम्हे कभी ,अब अल्फ़ाज़ों में नज़र आती हो तुम ,तुम्हारा अहसास ,तुम्हारी अदाएं ,तुम्हारे नखरे ,तुम्हारे चेहरे ,वही खिलखिलाता मुस्कराहट जिसमे उभर आती थी अधरों के मध्य तेरी सफ़ेद ...

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लेखक के बारे में
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टी एन पांडेय
समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    अहसन खान "दानिश"
    05 मई 2020
    शब्दों का रेखाचित्र, एक शब्द मे कहुँ तो "खूबसूरत"
  • author
    Pallavi Sharma
    24 नवम्बर 2018
    so good..........
  • author
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  • author
    अहसन खान "दानिश"
    05 मई 2020
    शब्दों का रेखाचित्र, एक शब्द मे कहुँ तो "खूबसूरत"
  • author
    Pallavi Sharma
    24 नवम्बर 2018
    so good..........