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एकाकार हो जाना

3.8
453

कह देना कितना आसान हैं पर एक हो जाना कितना मुश्किल अपने अपने वजूद के टुकड़े टुकड़े करके किन्ही अंधेरो में छिपाने होते हैं तब कही जाकर यह एक हो जाने के अरमान पिरोने पढ़ते हैं एक स्पेस जो मुझे तेरे खुश ...

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लेखक के बारे में
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Neelima Sharma Nivia

नीलिमा शर्मा कोई ख़ुशबू उदास करती है कहानी संग्रह की लेखिका ,मुट्ठी भर अक्षर,खुसरो दरिया प्रेम का , आईना सच नही बोलता हाशिये का हक़ ,मूड्स ऑफ लॉक डाउन , लुका छिपी, मृगतृष्णा की संपादक ओर लेखक

समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    अमित आनंद
    25 अप्रैल 2021
    मां। ऐसा ही लिखती है। ऐसा सिर्फ माँ लिख सकती है।
  • author
    Anil Kumar Jain "Dr. Anil"
    13 अप्रैल 2023
    Nice 👍
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    अमित आनंद
    25 अप्रैल 2021
    मां। ऐसा ही लिखती है। ऐसा सिर्फ माँ लिख सकती है।
  • author
    Anil Kumar Jain "Dr. Anil"
    13 अप्रैल 2023
    Nice 👍