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एक यायावर की रोमांचक दास्तान ‘मेरी आत्मकथा-किशोर साहू’

4.6
109

इस तरह हमारे विदर्भ का यह लाडला पुत्र ‘हीरो’ बनने बंबई चला जाता है. वहां जाकर उसे क्या-क्या करना पड़ता है, अनेक सुखद-दुखद संयोगों का किस तरह सामना करना पड़ता है. आखिरकार सफलता उनके कदम चूमती है. ...

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लेखक के बारे में
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Shyam Hardaha

नागपुर(महाराष्ट्र) ( कला, विधि एवं पत्रकारिता में स्नातक) मैं मूलत: पाठक हूं. मुझे भिन्न-भिन्न विचारों-भावों के प्रवाह में बहना और डूबना-उतराना अच्छा लगता है. बहुत अधिक मनो-भावनात्मक दबाव के बीच कभी-कभी लिख भी लेता हूं. प्रगतिशील विचारधारा के कवि-लेखकों में मुंशी प्रेमचंद, राहुल सांकृत्यायन, नागार्जुन, धूमिल, केदारनाथ अग्रवाल, गजानन माधव मुक्तिबोध,शमशेर बहादुर सिंह, राही मासूम रजा, फणीश्वरनाथ ‘रेणु’, कृष्णा सोबती, राजेंद्र यादव, अमृता प्रीतम, मन्नू भंडारी, रामविलास शर्मा आदि प्रगतिशील रचनाकारों ने मुझे गहरे तक प्रभावित किया है. महीने में कम से कम एक स्तरीय पुस्तक पढ़ने के प्रति मैं दृढ़ संकल्पित हूं. (अब तक विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशन) [email protected]

समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
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    17 अगस्त 2019
    हमारी संस्कृति में केवल उगते और डूबते सूर्य की अर्चना का विधान है, पूर्व से पश्चिम तक कि उसके सफर को कोई नही सराहता। मानव केवल सफलता या असफलता को देखते हैं पर उन दोनों से बड़ा उनका वो सफर है, त्याग है, मेहनत है जिसे सराहना चाहिए। उत्कृष्ट लेखन से आपने उनके सफर को अमर कर दिया है।
  • author
    25 अगस्त 2019
    आपकी सकारात्मक सोच आपके लेखन को सुंदर बनाने वाले शब्दों में कहा गया।सकारात्मक सोच हमारे देश, समाज के लिए बहुत लाभदायक है। सकारात्मक सोच से हम हर लड़ाई जीत सकते हैं।बहुत खूब 👏🏼👏🏼👏🏼🙏🙏🙏 आगे भी हमें ऐसी रचना देते रहें।आपके आभारी रहेंगे
  • author
    Kishwar Anjum
    29 सितम्बर 2019
    बढ़िया लिखा है आपने। किशोर साहू जी फिल्म गाइड में रोज़ी के पति की शानदार भूमिका के लिए भी याद किए जाते हैं। हमारे छत्तीसगढ़ के इस महान कलाकार के बारे में आपकी दी गई जानकारी बहुत अच्छी लगी।
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    17 अगस्त 2019
    हमारी संस्कृति में केवल उगते और डूबते सूर्य की अर्चना का विधान है, पूर्व से पश्चिम तक कि उसके सफर को कोई नही सराहता। मानव केवल सफलता या असफलता को देखते हैं पर उन दोनों से बड़ा उनका वो सफर है, त्याग है, मेहनत है जिसे सराहना चाहिए। उत्कृष्ट लेखन से आपने उनके सफर को अमर कर दिया है।
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    25 अगस्त 2019
    आपकी सकारात्मक सोच आपके लेखन को सुंदर बनाने वाले शब्दों में कहा गया।सकारात्मक सोच हमारे देश, समाज के लिए बहुत लाभदायक है। सकारात्मक सोच से हम हर लड़ाई जीत सकते हैं।बहुत खूब 👏🏼👏🏼👏🏼🙏🙏🙏 आगे भी हमें ऐसी रचना देते रहें।आपके आभारी रहेंगे
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    Kishwar Anjum
    29 सितम्बर 2019
    बढ़िया लिखा है आपने। किशोर साहू जी फिल्म गाइड में रोज़ी के पति की शानदार भूमिका के लिए भी याद किए जाते हैं। हमारे छत्तीसगढ़ के इस महान कलाकार के बारे में आपकी दी गई जानकारी बहुत अच्छी लगी।