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एक सूखा गुलाब

4.2
8954

स्नातक की परीक्षा का अंतिम दिन था , पेपर से एक दिन पहले ही परी ने मुझे सन्देश भेजा था ," अब हमारे और आपके रास्ते अलग है ! अब हम आपको नहीं किसी और को प्रेम करते है !!" सच बताऊँ , मुझे उसके लिखे हर ...

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लेखक के बारे में

न मैं कवि हूँ और न कोई शब्दों का खिलाडी. मुझे अपनी भावनाओ को व्यक्त करने के लिए चंद शब्दों की जरुरत पड़ती हैं और मेरे शब्दकोष का अल्पज्ञान कभी मुझे कोसता भी हैं मगर मैं जैसे तैसे शब्दों को पिरो कर अपनी तरफ से अपने उदगार व्यक्त करता हूँ। कभी वो कविता की शक्ल अख्तियार कर लेती हैं तो कभी वो शब्दों का ताना बाना. कभी कुछ लोग पढ़ लेते हैं और कभी कुछ लोग देख कर बकवास करार दे देते हैं......!! मगर मैं भी जिद्दी हूँ भावनाओ के उफान में बहकर फिर कुछ न कुछ लिख ही लेता हूँ बिना इस बात की परवाह किये की ये सिर्फ मेरे तक ही सीमित रह जाएँगी या कुछ लोगो को पसंद आएँगी., वास्तव में, मेरा सफ़र हैं इस खूबसूरत ज़िन्दगी का -जो भगवान ने हमें दी हैं....!!!

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Satyam Jha
    19 अक्टूबर 2019
    कहने को तो हकीकत में ये कहानी कहानी की तरह नही एक व्यतीत घटना सी लगी या तो ये आपकी उम्दा लेखनी हो सकती है या फिर आपके द्वारा देखा या जिया गया लम्हा लेकिन जो भी हो इस कहानी को एक खूबसूरत मोड़ मिलना चाहिए था कहानी को पढ़ने के बाद उस प्यासे जैसा अनुभव हुआ जिसको कभी उसकी क्षुधा तृप्ति भर पानी मिली ही नहीं
  • author
    Rakesh Prajapat
    16 अप्रैल 2018
    are you write bhai , pata nahi bhai ladkiya yesa kyun karti hai. Jinko ham Dilo Jaan Se Chahte Hain Jinke Liye Hum Sab kuch karte hain Phir Bhi Chod Ke Chali Jati. actually mere sath ho chuka h ye sab. thanks isliye kha h ki bite dino ki yade taja kardi aap ne😢😢
  • author
    Ruchi Dixit
    13 अगस्त 2020
    कहानी पाठको के लिए अधूरापन लिए, मुकाम तक नही पहुँची कम से कम प्रेमी को रूक कर दूसरे प्रेमी को देखना जरूर चाहिए था | अगर इसका अन्य भाग है तो उपरोक्त को अनदेखा करें|
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    Satyam Jha
    19 अक्टूबर 2019
    कहने को तो हकीकत में ये कहानी कहानी की तरह नही एक व्यतीत घटना सी लगी या तो ये आपकी उम्दा लेखनी हो सकती है या फिर आपके द्वारा देखा या जिया गया लम्हा लेकिन जो भी हो इस कहानी को एक खूबसूरत मोड़ मिलना चाहिए था कहानी को पढ़ने के बाद उस प्यासे जैसा अनुभव हुआ जिसको कभी उसकी क्षुधा तृप्ति भर पानी मिली ही नहीं
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    Rakesh Prajapat
    16 अप्रैल 2018
    are you write bhai , pata nahi bhai ladkiya yesa kyun karti hai. Jinko ham Dilo Jaan Se Chahte Hain Jinke Liye Hum Sab kuch karte hain Phir Bhi Chod Ke Chali Jati. actually mere sath ho chuka h ye sab. thanks isliye kha h ki bite dino ki yade taja kardi aap ne😢😢
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    Ruchi Dixit
    13 अगस्त 2020
    कहानी पाठको के लिए अधूरापन लिए, मुकाम तक नही पहुँची कम से कम प्रेमी को रूक कर दूसरे प्रेमी को देखना जरूर चाहिए था | अगर इसका अन्य भाग है तो उपरोक्त को अनदेखा करें|