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एक संदेश सहेली के नाम

4.6
277

आँखों का काजल यूं बहाया न कर हर बात पर ऐसे मोती बरसाया न कर ज़माना सितम ढ़ाने से बाज़ आने से रहा तुझे दबाने से कभी पीछे न रहा ये तेरी ऑखों की नमी उसे सुकून देती है तू उससे टूट गयी ये जीत का एहसास ...

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लेखक के बारे में
समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    Meera Sajwan "मानवी"
    12 अक्टूबर 2018
    वाह
  • author
    रमेश पाली
    15 सितम्बर 2018
    waah
  • author
    Sweta Pant "Seemu"
    25 दिसम्बर 2022
    nice lines Can you please read my stories and poems and please support
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  • author
    Meera Sajwan "मानवी"
    12 अक्टूबर 2018
    वाह
  • author
    रमेश पाली
    15 सितम्बर 2018
    waah
  • author
    Sweta Pant "Seemu"
    25 दिसम्बर 2022
    nice lines Can you please read my stories and poems and please support