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एक सैनिक की प्रेम कथा

4.4
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एक पहाड़ीपंछी की सुरीली चीख वादियों में गूँज उठी . सुधा पंछी की आवाज़ सुन अचकचा कर आँखे खोल पीले रंग के फूल के प्रिंट वाली ओढनी संभालते हुए बोली , " ओह ! मेरी पलकें नींद की झपकीयों में थी शायद.” शिव ...

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लेखक के बारे में
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गौतम सागर

प्रकाशित पुस्तकें :- पुस्तक का नाम विधा 1 सागर तुझमें कितना पानी काव्य संग्रह 2 लाफिंग बुद्धा हास्य कविता संग्रह 3 अजनबी जैसे हमसफ़र लघुकथा संग्रह 4 आलेखावली लेख संग्रह 5 भविष्य की भारतीय बैंकिंग : बैंकिंग विषयक 6 संगमरमर की रूहें बारह कहानियों का संग्रह 7 जीतेगा अभिमन्यु ही उपन्यास 8 मेरी श्रेष्ठ कविताएँ काव्य संग्रह -25- से अधिक पुरस्कार प्राप्त सॉफ्ट स्किल मोटिवेशनल ट्रेनर पद्य विधा :- कविताएं , गीत , गज़लें , हास्य-व्यंग्य , हाइकु , दोहे , कुंडलियाँ, परोडी गद्य विधा :- लघुकथाएं , कहानियाँ , आलेख , निबंध , उपन्यास , संस्मरण

समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    Priyanka tiwari
    11 மார்ச் 2018
    bht sundr likha apne Gautam ji...... Desh Perm ar Bhawnatmk Perm ko bht krine s vyakt kiya h apneeee.........
  • author
    Peehu Srivastava
    24 ஜூலை 2018
    बेहतरीन..लेकिन अंत और अच्छा लिखा जा सकता था...समाज को एक सीख देता हुआ
  • author
    Anjali Chauhan
    24 மே 2021
    shiv ne deshbhakti k sath apne pyar ko nibhaya, jativaad jaise samajik samasya se upar hokar apna wada pura kiya
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    Priyanka tiwari
    11 மார்ச் 2018
    bht sundr likha apne Gautam ji...... Desh Perm ar Bhawnatmk Perm ko bht krine s vyakt kiya h apneeee.........
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    Peehu Srivastava
    24 ஜூலை 2018
    बेहतरीन..लेकिन अंत और अच्छा लिखा जा सकता था...समाज को एक सीख देता हुआ
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    Anjali Chauhan
    24 மே 2021
    shiv ne deshbhakti k sath apne pyar ko nibhaya, jativaad jaise samajik samasya se upar hokar apna wada pura kiya