(बाल दिवस पर बहुत ही सुन्दर रचना)
(मोहन लाल यदुवंशी, रचिता)
(१) मां पिता और ,शिक्षकों के गुण।
प्यारे बच्चों तुम ,भूल न जाना हो ।।
(२) राह सच्ची ही ,चुनना हमेशा।
राहु से न कभी ,डगमगा न हो।।
मां पिता और शिक्षक,,,,,,,,,,,
(३) एक कच्चा घड़ा ,जब तू आया।
गुरु ज्ञान ने ही, पक्का बनाया हो।।
मां पिता और शिक्षक,,,,,,,,,,,,,,,
(४) हर कदम पर ,मिलेगा रे खतरा।
फूक कर हर ,कदम चलते जाना हो।
मां पिता और शिक्षक ,,,,,,,,, (५) रोटी भूखे को, प्यासे को पानी।
दीन दुखियों के ,दुख तुम मिटाना हो। मां पिता और शिक्षक के गुण,,,,,,,
(६) जग में करना ,अमर नाम अपना।
ओर हमारा भी ,संग में बढ़ाना हो ।।
मां पिता और शिक्षक के गुण ,,,,
(७) दीप बनके ,जलो तुम हमेशा।
सारे जग को ,यूं ही जगमगा न हो।
मां पिता और ,शिक्षक के गुण l.
प्यारे बच्चों तुम ,भूल न जाना हो रचिता)
रिपोर्ट की समस्या
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