🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰 जब से आए हो जिंदगी में मेरी, बदल गई है जीने की वजह भी, ना जाने कैसा ये अपनेपन का एहसास है, झिलमिल हुई जिंदगी ना जाने कैसी ये रोशनी है, लगता है जैसे भटकते हुए पंछी ...
मुसाफ़िर कल भी थी,
मुसाफ़िर आज भी हूँ!!
कल अपनों की तलाश में थी,
आज अपनी तलाश में हूँ...!!💕💕
खुद को पढ़ती हूँ,
फिर छोड़ देती हूँ..
रोज़ ज़िन्दगी का एक
पन्ना मोड़ देती हूं...!!
सारांश
मुसाफ़िर कल भी थी,
मुसाफ़िर आज भी हूँ!!
कल अपनों की तलाश में थी,
आज अपनी तलाश में हूँ...!!💕💕
खुद को पढ़ती हूँ,
फिर छोड़ देती हूँ..
रोज़ ज़िन्दगी का एक
पन्ना मोड़ देती हूं...!!
रिपोर्ट की समस्या
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