एक लड़की थी दीवानी सी एक लड़के पर वो मरती थी मुहब्बतें फ़िल्म ज़ब रिलीज़ हुई तब हम भी जवानी की दहलीज पर कदम रख चुके थे एक अदद मुहब्बत की तलाश हमारे जीवन में भी शुरू हो गयी थी l उस दौर में हमारी उम्र ...
बचपन से ही किस्से-कहानियाँ सुनने का शौक रहा जो मुझे यहाँ तक ले आया l यहाँ एक से बढ़कर एक लेखक मौजूद हैं जिनकी किस्सागोयी लाजवाब है बस उन्हीं से सीखकर थोड़ा बहुत कलम घिसना मैं भी सीख रहा हूँ l
सारांश
बचपन से ही किस्से-कहानियाँ सुनने का शौक रहा जो मुझे यहाँ तक ले आया l यहाँ एक से बढ़कर एक लेखक मौजूद हैं जिनकी किस्सागोयी लाजवाब है बस उन्हीं से सीखकर थोड़ा बहुत कलम घिसना मैं भी सीख रहा हूँ l
आपके लेखन मे साहित्यसम्राट मुंशी प्रेम चन्द्र जी तो कहीं-कहीं के.पी.सक्सेना जी की भाषा शैली का पुट दृष्टि गोचर होता है।प्रयास करते रहिए माँ वीनापाणी अवश्य आशीष देंगी।
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आपके लेखन मे साहित्यसम्राट मुंशी प्रेम चन्द्र जी तो कहीं-कहीं के.पी.सक्सेना जी की भाषा शैली का पुट दृष्टि गोचर होता है।प्रयास करते रहिए माँ वीनापाणी अवश्य आशीष देंगी।
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