एक शौख है सिर्फ लिखना....न मैं कोई राइटर हूँ और न ही भविष्य मे कोई बड़ी राइटर बनना चाहती हूँ,फिर भी कुछ जज्बात जो अनकहे दिल मे उभरते है उन्हें लिखना एक आदत है। क्यों लिखती हूँ नही मालूम...फिर भी एक सकुंन है मेरा लिखना । शायद खुद मे खो जाने के बाद अन्तर्मन् से उद्वेलित शब्द उस ठंडी हवा के झोके के समान राहत देता है जिससे खुद से खुद पर जीत मिलती है । अच्छा लगता है जब मिलती है कोई प्रतिक्रिया जिसका कोई विशेष महत्व नही है फिर भी एक मुस्कराहट जो दिल गहराइयो से निकल पर होंठो से गालो के बीच बिखर जाती।।
आभार है आप सभी के स्नेह के लिए।।
रिपोर्ट की समस्या
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