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एक दीवाली ऐसी भी

4.2
3540

यादों को सहेजकर रखने से अच्छा है कि उन्हें जीना सीखो, किसी के जाने से दुनिया खत्म नहीं हो जाती। अकेले ही आये थे, अकेले ही जाना है! अपनी ज़िन्दगी को ऐसे जियो की न किसी बात का अफसोस हो और न किसी बात ...

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लेखक के बारे में

अपने बारे में ज़्यादा तो नहीं जानता पर इतना तजुर्बा है कि मैंने हमेशा उनको गलत साबित किया है, जो मुझे गलत समझ बैठते हैं! मैं कोई लेखक नहीं बस अपने मन में चलती हलचल को कुछ शब्द दे देता हूँ। अभी-अभी लिखना शुरू किया है। एक लंबा सफर तय करना है। अपनी कमियाँ सुधारनी है, और वक़्त दर वक़्त बेहतर होते चले जाना है। और आखिर में बस इतना ही कहना चाहूँगा कि, खुदको दरिया तुम्हें दरिया की रवानी लिख दूँ। आओ गुज़री हुई मौज वो पुरानी लिख दूँ। तुम जो मिल जाओ तो मिल जाये ज़माना मुझको, लम्हे-लम्हे पर नई एक कहानी लिख दूँ।।।

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    ajay
    31 ജൂലൈ 2019
    ऐसी एकतरफा यादें इसी तरह मिटा दी जानी चाहिए।बस कुछ गलत है तो अस्वीकृत होने पर हमेशा दूसरे को दोषी ठहराया जाना।
  • author
    Monika Khanna
    24 ആഗസ്റ്റ്‌ 2018
    aapki ye kahani me brack up q hua ye aapne clear nahi kiya...baki story to positive thoughts hi de rahi hai
  • author
    Pramod
    13 ഏപ്രില്‍ 2019
    great , like it
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    ajay
    31 ജൂലൈ 2019
    ऐसी एकतरफा यादें इसी तरह मिटा दी जानी चाहिए।बस कुछ गलत है तो अस्वीकृत होने पर हमेशा दूसरे को दोषी ठहराया जाना।
  • author
    Monika Khanna
    24 ആഗസ്റ്റ്‌ 2018
    aapki ye kahani me brack up q hua ye aapne clear nahi kiya...baki story to positive thoughts hi de rahi hai
  • author
    Pramod
    13 ഏപ്രില്‍ 2019
    great , like it